स्वार के उप चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, नेताओं में बेचैनी

स्वार के पूर्व पालिकाध्यक्ष शफीक अहमद अंसारी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर शीघ्र चुनाव कराने की मांग की थी । इसपर हाईकोर्ट ने यथाशीघ्र चुनाव कराने के आदेश दिए थे। इसके विरोध में अब्दुल्ला आजम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Fri, 06 Nov 2020 07:39 PM (IST) Updated:Fri, 06 Nov 2020 07:39 PM (IST)
स्वार के उप चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, नेताओं में बेचैनी
आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक डा. तजीन फात्मा और अब्दुल्ला आजम 26 फरवरी से जेल में हैं

 रामपुर, जेएनएन। स्वार विधान सीट पर यथाशीघ्र उपचुाव कराने के हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। इससे उप चुनाव की तैयारी में जुटे नेताओं में  बेचैनी हैं। 

स्वार टांडा सीट पर 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में सपा सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम विधायक चुने गए थे। बाद में उनकी उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया। हाईकोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में कम उम्र के कारण अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द कर दी थी। इसके बाद अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। मामला अब भी कोर्ट में लंबित है। इस प्रकरण में पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज हुई। इसी आरोप में आजम खां, उनकी पत्नी शहर विधायक डा. तजीन फात्मा और अब्दुल्ला आजम 26 फरवरी से जेल में हैं। दूसरी ओर स्वार के पूर्व पालिकाध्यक्ष एवं बसपा प्रत्याशी शफीक अहमद अंसारी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर शीघ्र चुनाव कराने की मांग की थी । इसपर हाईकोर्ट ने यथाशीघ्र चुनाव कराने के आदेश जारी कर दिए थे। इसके विरोध में अब्दुल्ला आजम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर छह नवंबर को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। जबकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कई नेता चुनाव की तैयारियों में लग गए थे। 

स्वार सीट पर उपचुनाव को लेकर सियासी दल काफी पहले से तैयारी में जुटे हैं। बसपा ने शफीक अंसारी को और कांग्रेस ने नवाब खानदान के हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां को प्रत्याशी भी बना दिया। दोनों ही प्रत्याशी पूरे दमखम से चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे थे। भाजपा से कई लोग टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी 23 सितंबर को यहां आकर भाजपा नेताओं के साथ बैठक की थी। नेताओं के साथ ही उनके समर्थक भी चुनाव जीतने के लिए पूरी कोशिश कर रहे थे लेकिन, कोर्ट से रोक लगने के बाद इनमें बेचैनी है। हालांकि सपा की ओर से कोई तैयारी नहीं चल रही थी, क्योंकि आजम खां और अब्दुल्ला जेल में हैं। 

chat bot
आपका साथी