शिमला में वरिष्ठ पत्रकारों ने कुछ इस तरह दी वीरभद्र को श्रद्धांजलि, उनके साथ बिताए पल भी किए साझा

प्रदेश के वेटेरन पत्रकारों ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। शिमला के पत्रकार विहार में आयोजित शोक सभा में दो दर्जन से ज्यादा वेटेरन पत्रकारों ने वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 05:49 PM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 05:49 PM (IST)
शिमला में वरिष्ठ पत्रकारों ने कुछ इस तरह दी वीरभद्र को श्रद्धांजलि, उनके साथ बिताए पल भी किए साझा
शिमला के पत्रकार विहार में वरिष्ठ पत्रकारों ने वीरभद्र को श्रद्धांजलि दी। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश के वेटेरन पत्रकारों ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। शिमला के पत्रकार विहार में आयोजित शोक सभा में दो दर्जन से ज्यादा वेटेरन पत्रकारों ने वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अॢपत करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। शोक सभा का आयोजन शिमला वेटेरन जर्नलिस्ट्स सोसायटी ने किया। पीटीआइ के राज्य प्रमुख रहे वेटेरन पत्रकार प्रकाश चंद्र लोहुमी ने कहा कि वीरभद्र सिंह देश-प्रदेश के लोकनायक रहे। अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने आम लोंगों से कभी नाता नहीं तोड़ा। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की राजनीतिक पारी बेहद लंबी रही। 1962 से अब तक उन्होंने केवल एक चुनाव हारा, वह भी तब, जब आपातकाल के बाद देश में कांग्रेस को भारी पराजय का सामना करना पड़ा था।

हिंदुस्तान टाइम्स के पूर्व संपादक व प्रदेश पब्लिक सॢवस कमीशन के अध्यक्ष केएस तोमर ने शोक संदेश में कहा कि वीरभद्र सिंह के निधन से पूरा प्रदेश शोकाकुल है। वे एक करिश्माई नेता थे जिन्होंने पूरे प्रदेश को समान दृष्टि से देखा और चहुंमुखी विकास में अपना योगदान दिया। इंडियन एक्सप्रेस चंडीगढ़ के पूर्व संपादक विपिन पब्बी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने एक ऐसा वरिष्ठ नेता खो दिया है जिसने हमेशा आम आदमी के लिए काम किया। पत्रकार एवं प्रदेश के पूर्व राज्यपाल आचार्य देवव्रत के सलाहकार प्रोफेसर शशिकांत शर्मा ने कहा कि वीरभद्र सिंह के निधन से प्रदेश को बड़ी क्षति पहुंची है। वे वास्तव में ही जननेता थे।

वरिष्ठ पत्रकार विजय पुरी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के निधन से प्रदेश में विकास के एक सूरज का अंत हो गया है। हिमालय देव के मुख्य संपादक जगदीश प्रभाकर ने वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे जमीन से जुड़े हुए जन-नेता थे। वयोवृद्ध पत्रकार खुशी राम शर्मा ने वीरभद्र सिंह के साथ गुजारे लंबे समय को याद करते हुए उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। कहा कि उनके निधन से प्रदेश ने एक अनुभवी और समाजसेवी नेता खो दिया है।

वरिष्ठतम पत्रकार सीताराम खजूरिया ने कहा कि कोरोना काल के बावजूद वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा में उमड़ा भारी जन सैलाब प्रदेश में उनकी लोकप्रियता की गवाही देता है। अपने राजनीतिक जीवनकाल में उन्हेंं शायद ही कभी आराम करने का अवसर मिला हो। वे 24 घंटों में 18 से 20 घंटे तक भी अपने शासकीय कार्य निपटाने में लगे रहते थे।

शिमला वेटेरन जर्नलिस्ट्स सोसायटी के अध्यक्ष कृष्ण भानू ने शोक सभा में कहा कि प्रदेश की राजनीति में वीरभद्र सिंह के चले जाने से जो बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है उसकी भरपाई संभव नहीं है। वे गरीबों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं थे। उन्होंने कठिन परिश्रम से राजनीतिक ऊंचाइयों को छुआ और जीवन भर लोगों की सेवा में जुटे रहे। इसी कारण लोगों के दिलों में उनके प्रति भारी स्नेह और सम्मान भरा पड़ा है।

शोक सभा में गिरिराज के पूर्व वरिष्ठ संपादक संजय शर्मा, सतिंदर शर्मा, अरुण पण्डित, सुश्री आशिना शर्मा, राज कुमार चोट्टानी, अरुण उनियाल और रोहिल पुरी भी शामिल हुए।

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