Jammu and Kashmir: पंचायत उपचुनाव स्थगित, जानें किसका दिया हवाला

जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव के लिए 13 फरवरी को जारी शेड्यूल और पहले व दूसरे चरण के चुनाव के लिए जारी अधिसूचना को वापस लिया गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 11:07 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 07:43 AM (IST)
Jammu and Kashmir: पंचायत उपचुनाव स्थगित, जानें किसका दिया हवाला
Jammu and Kashmir: पंचायत उपचुनाव स्थगित, जानें किसका दिया हवाला

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में पंचायत उपचुनाव को लेकर मंगलवार सुबह हुई सर्वदलीय बैठक के बाद तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच रात को चुनाव स्थगित कर दिया गया। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार की तरफ से पंचायत चुनाव को लेकर जारी की गई सारी अधिसूचनाओं को वापस ले लिया गया है।

दलीय अधार पर होने थे चुनाव

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 13 फरवरी को जम्मू में पत्रकार वार्ता कर केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में रिक्त पड़े 1011 सरपंच और 11639 पंच हलकों के चुनाव दलीय आधार पर करवाने का एलान किया था। उसके साथ ही अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी कि मतदान आठ चरणों में करवाया जाएगा। पहले चरण का मतदान पांच मार्च और अंतिम चरण का मतदान 20 मार्च को होना तय किया था।

क्या विपक्ष के दबाव के बाद लिया गया फैसला

सूत्र दावा कर रहे हैं कि पंचायत उपचुनाव स्थगित करने का फैसला विपक्षी पार्टियों के सरकार पर दवाब के कारण लिया गया है। पंचायत उपचुनाव की घोषणा के बाद से विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया था। नेशनल कांफ्रेंस के नेता रतन लाल गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि नेकां चुनाव के लिए तैयार है, लेकिन पहले उनके नेताओं की रिहाई की जाए। उन्होंने कहा था कि जब नेता ही नजरबंद है तो उम्मीदवार कैसे तय किए जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रधान जीए मीर ने भी कहा था कि जब हमारे नेताओं पर पाबंदियां लगी हुई है, तो फिर चुनाव कैसे हो सकते हैं।

सुबह सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने रखी थी नेताओं की रिहाई की शर्त

पंचायत चुनाव के लिए पार्टियों का सहयोग मांगने के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने मंगलवार सुबह ही अपने कार्यालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और भाजपा और पैंथर्स पार्टी के नेताओं ने भाग लिया था। बैठक में पीडीपी नेताओं ने कहा था कि उनके नेता ही नजरबंद है तो उनकी पार्टी चुनाव में कैसे भाग ले सकती है। यह कहते हुए उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया था। नेकां, कांग्रेस, पैंथर्स ने भी पहले नेताओं को रिहा करने और उन पर लगी पाबंदियां हटाने को कहा था। वहीं, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि वह सरकार के समक्ष मुद्दा रखेंगे।

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