Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव के दौरान जुलूस व सभा के लिए एकल खिड़की पद्धति से लेनी होगी अनुमति

Bihar Assembly Elections 2020 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार के वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन की भी सुविधा। प्राप्त आवेदनों का किया जाएगा निष्पादन 24 घंटें में एसएमएस से मिलेगी पावती। उक्त कार्य के लिए सहायक निर्वाची पदाधिकारी इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी प्रतिनियुक्त होंगे।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 02:56 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 02:56 PM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव के दौरान जुलूस व सभा के लिए एकल खिड़की पद्धति से लेनी होगी अनुमति
आदर्श आचार संहिता के साथ पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Bihar Assembly Elections 2020 : जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है। इस दौरान बिना अनुमति के जुलूस व सभा नहीं कर सकते है। एकल खिड़की पद्धति (सिंगल विंडो सिस्टम) के माध्यम से चुनाव लडऩे वाले राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को निर्वाचित पदाधिकारी द्वारा संबंधित अनुमंडलों में जुलूस, सभा, वाहन, हेलीकॉप्टर, निर्वाचन प्रचार कार्यालय के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी। उक्त कार्य के लिए सहायक निर्वाची पदाधिकारी, इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी प्रतिनियुक्त होंगे।

एकल खिड़की पद्धति से प्राप्त आवेदनों का निष्पादन 24 घंटे में किया जाएगा। इसके अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन करने की भी सुविधा दी गई है, जो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार के वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। आवेदनकर्ता को आवेदन की पावती एसएमएस के माध्यम से प्रेषित की जाएगी। अनुमति ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यमों से प्राप्त की जा सकती है।

पोस्टर-बैनर दिखने पर होगी प्राथमिकी

विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता के साथ पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है। इसके अलावा विभिन्न जगहों पर लगे राजनीतिक पार्टियों के पोस्टर, बैनर व होङ्क्षडग हटाने के लिए प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया गया था। इस दिशा में कार्रवाई करते हुए प्रतिवेदित करें। बावजूद अगर किसी जगह पर बिना अनुमति के राजनीतिक पार्टियों के पोस्टर, बैनर दिखे तो इस मामले में कार्रवाई करें। एसडीओ पूर्वी डॉ. कुंदन कुमार ने अपने क्षेत्र के सभी बीडीओ, सीओ व थानाध्यक्षों को पत्र जारी कर कहा है कि आपके इलाके में अगर इस तरह का मामला मिले तो संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर करें। साथ ही 24 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट समर्पित करें।  

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