राजस्थान : ओवैसी और बीटीपी बिगाड़ सकते हैं 40 विधानसभा सीटों के समीकरण
बीटीपी ने प्रदेश में सक्रिय होने के छह माह के भीतर दो विधानसभा सीटें जीत ली थी। भाजपा के दिग्गज नेता गुलाब चंद कटारिया शुरू से ही बीटीपी के विरोधी रहे हैं। वे बीटीपी की तुलना नक्सली गतिविधियों से कर चुके हैं।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा] । राजस्थान में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लमिन(एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के बीच बढ़ती निकटता से कांग्रेस और भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। बीटीपी के प्रदेश आदिवासी उदयपुर,डूंगरपुर,बांसवाड़ा जिलों में बढ़ते प्रभाव के कारण दोनों ही प्रमुख पार्टियां पहले से ही परेशान थी। खासकर कांग्रेस अपने परंपरागत आदिवासी वोटबैंक में बीटीपी की बढ़ती पकड़ के कारण चिंतित है। दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीटीपी के कारण आदिवासी इलाकों की एक दर्जन सीटों पर नुकसान हुआ था।
बीटीपी ने प्रदेश में सक्रिय होने के छह माह के भीतर दो विधानसभा सीटें जीत ली थी। भाजपा के दिग्गज नेता गुलाब चंद कटारिया शुरू से ही बीटीपी के विरोधी रहे हैं। वे बीटीपी की तुलना नक्सली गतिविधियों से कर चुके हैं। अब ओवैसी के विश्वस्तों की बीटीपी के दोनों विधायकों रामप्रसाद और राजकुमार रोत के साथ हुई मुलाकात से सियार्सी चर्चा बढ़ गई। कांग्रेस-भाजपा के नेता बीटीपी और ओवैसी के संभावित गठबंधन से होने वाले लाभ-हानि का गणित लगाने में जुटे हैं। भाजपा से ज्यादा कांग्रेस की चिंता है,उसके आदिवासी और मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगने की संभावना है। कांग्रेस के रणनीतिकार 13 जिलों की 40 से 45 विधानसभा सीटों के समीकरण बिगड़ने की आशंका जता रहे हैं। ओवैसी और बीटीपी के बीच अभी तक अधिकारिक रूप से गठबंधन नहीं हुआ,लेकिन बातचीत जारी है। ओवैसी की सर्वे टीम प्रदेश में पिछले दो माह से काम कर रही है।
जानकारी के अनुसार मुस्लिम बहुल आदर्श नगर,किशनपोल,हवामहल,सिविल लाइंस, कोटा उत्तर, लाडपुरा, बारां, अटरू,झालारापाटन,तारानगर,टोंक,सवाईमाधोपुर,गंगापुरसिटी,धौलपुर,कांमा,नगर,रामगढ़,तिजारा,अलवर ग्रामीण,सीकर,फतेहपुर,लक्ष्मणगढ़,झुंझुनूं,मंडावा,चूरू,भादरा,बीकानेरोपूर्व,खाजूवाला,जैसलमेर,पोकरण,चौहटन,सूरसागर,शिव,नागौर,लाडनू,डीडवाना,मकराना,नांवा,डेगाना विधानसभा क्षेत्रों पर औवेसी की नजर है । वहीं आदिवासी बहुल एक दर्जन विधानसभा सीटों पर बीटीपी की नजर है । बीटीपी नेता आदिवासी युवाओं में पकड़ मजबूत करने में जुटे है ।