अगर आप भी मंगा रहे हैं ऑनलाइन मेडिकल उपकरण या दवा तो हो जाएं होशियार, पढ़िए कैसे हो रही है ठगी

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे गिरोह के सरगना को दबोचा है जो एक महीने के भीतर देश भर में सौ से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुका है। दिल्ली में ही आरोपित पर धोखाधड़ी के छह मामले दर्ज हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 07:56 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 07:56 PM (IST)
अगर आप भी मंगा रहे हैं ऑनलाइन मेडिकल उपकरण या दवा तो हो जाएं होशियार, पढ़िए कैसे हो रही है ठगी
आनलाइन ठगी का शतक लगा चुका ठग राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। चिकित्सा उपकरणों व दवाओं को ऑनलाइन मुहैया कराने के नाम पर हाे रही ठगी के मामलों में मेवात के साइबर ठग सक्रिय होकर लोगों को लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे गिरोह के सरगना को दबोचा है जो एक महीने के भीतर देश भर में सौ से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुका है। दिल्ली में ही आरोपित पर धोखाधड़ी के छह मामले दर्ज हैं। आरोपित इमरान को अपराध शाखा की पुलिस टीम ने राजस्थान के भरतपुर इलाके के झूरेरा से गिरफ्तार किया है। आरोपित इससे पहले ओएलएक्स पर बाइक और कार बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करता था। फिलहाल पुलिस आरोपित के अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

चिकित्सा उपकरण व दवाओं को आनलाइन मुहैया कराने के नाम पर करता था ठगी

अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शिबेश सिंह ने बताया कि बीते कुछ दिनों से चिकित्सा उपकरण व दवाओं को देने के नाम पर धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे थे। इन मामलों की जांच में पता चला कि अधिकतर काल भरतपुर इलाके से की गई हैं। इन मामलों की जांच के लिए एसीपी गिरीश कौशिक की देखरेख में इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह, इंस्पेक्टर संजय कुमार समेत कई पुलिस कर्मियों की टीम बनाई गई थी।

देश भर में सौ से अधिक लोगों को करीब एक महीने में अपना शिकार

पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल नंबर और पैसे जमा कराने के बैंक खाते आदि की जांच के बाद भरतपुर से आरोपित इमरान को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह वक्का, वसीम, रहीम असिफ, और अन्य साथियों के साथ मिलकर ओएलएक्स पर बाइक और कार बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करता था। कोरोना की दूसरी लहर में चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की मारामारी के दौरान आरोपितों ने चिकित्सा उपकरणों की धोखाधड़ी करने लगे। आरोपित इसके लिए इंटरनेट मीडिया में अपना मोबाइल नंबर वायरल किया हुआ था।

दिल्ली के यह लोग हुए आरोपित के शिकार

छह मई को द्वारका निवासी रचिता भटनागर और मोती बाग निवासी आशा विष्ट के साथ ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर देने के नाम पर 27800 और 36500 रुपये की धोखाधड़ी आरोपित ने की। दोनों पीड़ितों को ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत थी।

पांच मई को ऑकसीजन कंसेंट्रेटर देने के नाम पर तीन लोगाें से 37000 रुपये की धाेखाधड़ी आरोपित ने की। इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में दर्ज की गई थी।

चार मई को मोती बाग निवासी रमेश बिष्ट के साथ 36500 रुपये की धोखाधड़ी ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के नाम पर की गई। इसकी एफआइआर साउथ केंपस थाने में दर्ज की गई थी।

तीन मई को जामिया नगर इलाके की रहने वाली महिला के साथ ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर देने के नाम पर 23500 रुपये की धोखाधड़ी की गई। महिला गंभीर स्थिति में थी। इसी दिन राजौरी गार्डन निवासी नवनीत मखानी के साथ भी ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर देने के नाम पर 73000 रुपये की धोखाधड़ी की गई। पीड़ित का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित था। और स्वास्थ्य की स्थिति बेहद गंभीर थी।

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