1575 करोड़ की लागत से बने सिग्नेचर ब्रिज पर कैमरे लगाने का फंड ही नहीं
यहां पर एक दर्जन के करीब कैमरे लगाए जाने हैं ताकि ब्रिज के हर क्षेत्र पर नजर रखी जा सके। डीटीटीडीसी ने अपनी समस्या से दिल्ली सरकार को अवगत करा दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी व पूर्वी दिल्ली को जोड़ने के लिए 1575 करोड़ की लागत से बने सिग्नेचर ब्रिज पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए इसे बनाने वाले दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) के पास बजट नहीं है, जो बजट था वह इसे बनाने पर खर्च हो गया है। इसे लेकर डीटीटीडीसी ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख कर मदद मांगी है। साथ ही अनुरोध किया है कि दिल्ली में लगाए जाने वाले 2 लाख 80 हजार कैमरों की योजना से यहां भी कैमरे लगाए जाएं।
ब्रिज बनने से लोगों को हुआ फायदा
पिछले साल चार नवंबर को सिग्नेचर ब्रिज यातायात के लिए जनता को समर्पित किया जा चुका है। इसके बाद से यमुनापार आने-जाने वाले लोगों के वाहन इस पर फर्राटा भर रहे हैं। तेज रफ्तार के चलते इस ब्रिज के आसपास आधा दर्जन के करीब सड़क दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसमें कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है। कुछ माह तक इस ब्रिज पर तेज रफ्तार वाहनों के यातायात पुलिस द्वारा चालान भी काटे गए हैं, लेकिन यह अभियान अधिक दिनों तक नहीं चल पाया।
पिछले साल सीसीटीवी लगाने की बात पर हुई थी चर्चा
पिछले साल जब सिग्नेचर ब्रिज पर यातायात शुरू किया गया था। उसी समय इस पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की बात कही गई, मगर ये अभी तक नहीं लग पाए हैं। इसकी वजह डीटीटीडीसी के पास फंड की कमी है।
दो दर्जन कैमरे लगाने होंगे
यहां पर एक दर्जन के करीब कैमरे लगाए जाने हैं ताकि ब्रिज के हर क्षेत्र पर नजर रखी जा सके। डीटीटीडीसी ने अपनी समस्या से दिल्ली सरकार को अवगत करा दिया है। साथ ही मांग की है कि लोक निर्माण विभाग की योजना से यहां पर कैमरे लगवा दिए जाएं। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को भी पत्र लिखा है।
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