Maharashtra: ट्रैफिक पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में महाराष्ट्र की मंत्री यशोमति ठाकुर को तीन माह की जेल

Yashomati Thakur ट्रैफिक पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में महाराष्ट्र की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर सहित तीन को अमरावती जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को तीन माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उनके ऊपर 15500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 11:45 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 11:45 PM (IST)
Maharashtra: ट्रैफिक पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में महाराष्ट्र की मंत्री यशोमति ठाकुर को तीन माह की जेल
महाराष्ट्र की मंत्री यशोमति ठाकुर को तीन माह की जेल।

अमरावती, प्रेट्र। Yashomati Thakur: ट्रैफिक पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में महाराष्ट्र की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर सहित तीन को अमरावती जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को तीन माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उनके ऊपर 15,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा पाने वालों उनका चालक भी शामिल है। कांग्रेस नेता ठाकुर और तीन अन्य को जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में एक महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। यह घटना अमरावती जिले के राजापेठ थाना क्षेत्र के चूनाभट्टी इलाके में 24 मार्च, 2012 को शाम करीब सवा चार बजे हुई थी। चार्जशीट के अनुसार, ठाकुर, उनका ड्राइवर सागर सुरेश खांडेकर, कार्यकर्ता शरद काशीराज और राजू ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी की पिटाई उस समय कर दी थी, जब उसने वाहन को गलत लेन में प्रवेश करने से रोक दिया था।

इस बीच, ठाकुर ने कहा कि निचली अदालत के फैसले के खिलाफ वह हाई कोर्ट जाएंगी। कहा कि मैंने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है। मैं स्वयं वकील हूं और अभी मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि सच की जीत होगी।

लिंचिंग के समय पालघर के एसपी रहे गौरव सिंह को नई जिम्मेदारी
पालघर, प्रेट्र। पालघर के पूर्व पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह को नासिक में महाराष्ट्र पुलिस अकादमी का अधीक्षक बनाया गया है। तीन लोगों की आक्रोशित भीड़ की हिंसा (लिंचिंग) में मौत हो जाने के बाद मई में उन्हें जबरन अवकाश पर भेज दिया गया था। राज्य के गृह विभाग ने सिंह को पुलिस अकादमी नासिक में अधीक्षक के रूप में तैनात करने संबंधी आदेश बुधवार को जारी किया था।16 अप्रैल को एक कार में सवार होकर मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके कार चालक को पालघर के गढ़चिरौली गांव में भीड़ ने घेर लिया। बच्चा चोर होने के संदेह में भीड़ ने तीनों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। उस समय गौरव सिंह पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक थे। घटना के बाद उन्हें जबरन अवकाश पर भेज दिया गया और दत्तात्रेय शिंदे को उनकी जगह पालघर का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया था।

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