Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के सत्तापक्ष और विपक्ष में खुलकर वाकयुद्ध शुरू

Maharashtra Politics कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 11:11 AM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 08:31 PM (IST)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के सत्तापक्ष और विपक्ष में खुलकर वाकयुद्ध शुरू
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के सत्तापक्ष और विपक्ष में खुलकर वाकयुद्ध शुरू

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। कोरोना संकट से सर्वाधिक त्रस्त महाराष्ट्र के सत्तापक्ष और विपक्ष में खुलकर वाकयुद्ध शुरू हो गया है। सत्तापक्ष जहां राहुल गांधी के एक बयान की लीपापोती में जुट गया है, तो विपक्षी दल भाजपा राज्य की त्रिदलीय सरकार की कमियां उजागर करने में लगा है।

विपक्ष को प्रहार का मौका महाराष्ट्र की सत्ता में शामिल कांग्रेस के ही नेता राहुल गांधी के उस बयान के बाद मिला, जिसमें वह महाराष्ट्र सरकार में अपनी पार्टी की सक्रिय भूमिका से पल्ला झाड़ते नजर आए थे। उसके बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री एवं अब नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य सरकार पर आपसी सामंजस्य के अभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें यह सरकार गिराने की जल्दी नहीं है। यह सरकार अपनी आंतरिक विसंगतियों से अपने आप गिर जाएगी।

फड़नवीस के इस बयान का जवाब ढूंढने के लिए बुधवार दोपहर मुख्यमंत्री निवास पर महाविकास आघाड़ी सरकार के सभी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में तय हुई रणनीति के अनुसार शाम को तीनों दलों के एक-एक वरिष्ठ मंत्रियों ने एक साथ प्रेस के सामने आकर न सिर्फ फड़नवीस द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया, केंद्र सरकार पर पर्याप्त मदद न देने का आरोप भी लगाया।

इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री बाला साहब थोरात ने बयान दिया कि शिवसेना के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी सरकार बिल्कुल ठीकठाक चल रही है।

इसी बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है। सोमवार को राहुल गांधी का पहला बयान आने के बाद ही राकांपा अध्यक्ष शरद पवार शाम को पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले, फिर देर रात उद्धव ठाकरे से मिलने उनके बांद्रा स्थित निवास मातोश्री गए थे। वहां उद्धव के साथ उनकी डेढ़ घंटे लंबी चर्चा हुई थी। माना जा रहा है कि अब यह सारी कवायद पवार के ही निर्देश पर राहुल के बयान से पैदा हुए भ्रम को दूर करने के लिए की जा रही है। लेकिन अब आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है।

बुधवार को भी राज्य सरकार के मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के कुछ ही देर बात नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस पुनः प्रेस के सामने आए और उन्होंने मंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों का सिलसिलेवार खंडन किया। मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना कोटे के परिवहन मंत्री अनिल परब ने आरोप लगाया था कि केंद्र से राज्य सरकार को कोरोना से लड़ने में पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है। केंद्र से अब तक महाराष्ट्र को सिर्फ 6,600 करोड़ रुपये मिले हैं। महाराष्ट्र के 42,000 करोड़ रुपए केंद्र के पास अटके पड़े हैं। राज्य सरकार के हिस्से का जीएसटी बकाया भी उसे नहीं प्राप्त हुआ है। प्रवासी श्रमिकों के हिस्से का 122 करोड़ भी उसे नहीं दिया गया है। कुछ ही मिनटों बाद इन सारे आरोपों का उत्तर देते हुए फड़नवीस ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को 28000 करोड़ रुपये दिए हैं। उनके अनुसार केद्र पर झूठे आरोप मढ़ने के लिए राज्य द्वारा काल्पनिक आंकड़े पेश किए जा रहे हैं।

फड़नवीस के अनुसार 26 मई तक राज्य सरकार को केंद्र से करीब 10 पीपीई किट एवं करीब 17 लाख मास्क खरीदने के लिए 468 करोड़ रुपये दिए गए हैं। फड़नवीस ने जीएसटी का रिटर्न न मिलने के आरोप को भी गलत बताया। उनके अनुसार दिसंबर से मार्च तक का ही जीएसटी का पैसा बकाया है। बाकी राशि राज्य को प्राप्त हो चुकी है।

फड़नवीस ने बुधवार को फिर कोरोना संकट के दौरान राज्य सरकार की नाकामी का बयान दोहराते हुए कहा कि देश भर में कोरोना से मरने वाले 40 फीसद लोग महाराष्ट्र के हैं, और सरकार कोई कारगर कदम नहीं उठा पा रही है।

chat bot
आपका साथी