LockDown 4.0 in UP: मायावती का यूपी सरकार पर तंज, बोलीं-सभी MOU को धरातल पर उतारने की जरूरत

LockDown 4.0 in UPमायावती ने कहा अच्छा होता कि योगी आदित्यनाथ सरकार नया एमओयू करने व फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन इसी प्रकार के अनेकों एमओयू का क्या हुआ।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 11:42 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 11:56 AM (IST)
LockDown 4.0 in UP: मायावती का यूपी सरकार पर तंज, बोलीं-सभी MOU को धरातल पर उतारने की जरूरत
LockDown 4.0 in UP: मायावती का यूपी सरकार पर तंज, बोलीं-सभी MOU को धरातल पर उतारने की जरूरत

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में केंद्र तथा राज्य सरकार के प्रयास व उपाय पर पैनी नजर रखने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रवासी श्रमिक व कामगार को रोजगार देने के मामले में योगी आदित्यनाथ व नरेंद्र मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को चार ट्वीट में उत्तर प्रदेश में बड़े तथा मध्यम औद्योगिक घरानों से पिछले सभी एमओयू की हकीकत जानने के साथ सरकार पर तंज कसा है।

सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव मायावती ने कहा है कि अच्छा होता कि योगी आदित्यनाथ सरकार अब नया एमओयू करने व फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन किए गए इसी प्रकार के अनेकों एमओयू का क्या हुआ। एमओयू केवल जनता को बरगलाने व फोटो के लिए नहीं हो तो बेहतर है क्योंकि प्रदेश में लाखों श्रमिकों को जीने के लिए लोकल स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी व बदहाली में घर लौटे सर्वसमाज के लाखों श्रमिकों को जरूरी प्रभावी मदद पहुंचाने के बजाय यूपी में एमओयू हस्ताक्षर व घोषणाओं आदि का छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है। अति-दु:खद। जनहित के ठोस उपायों के बिना समस्या और विकराल बन जाएगी।

मायावती ने कहा कि चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा करने के स्थान पर केंद्र व यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां पर शेनजेन इकोनोमिक जोन जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की फ्री आधारभूत सुविधा व श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि कहां-कहां है।

मायावती ने कहा कि किन्तु शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक जोन जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उकृष्ट वस्तुओं के उत्पादन के लिए सुनिश्चित किया जाए तो उजड़े छोटे व मझोले उद्योग, पीडि़त श्रमिक वर्ग का हित व कल्याण तथा भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा जरूर आसान हो जाए। 

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