West Bengal: बंगाल में दिलीप घोष ही रहेंगे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष: कैलाश विजयवर्गीय

Kailash Vijayvargiya कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान दिलीप घोष ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे। साथ ही उन्होंने घोष को पद से हटाए जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों का खंडन किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 04:46 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 04:46 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में दिलीप घोष ही रहेंगे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष: कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में दिलीप घोष ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Kailash Vijayvargiya: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को कहा कि बंगाल में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान दिलीप घोष ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे। साथ ही, उन्होंने घोष को पद से हटाए जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों का खंडन किया। मीडिया के एक हिस्से में ऐसी खबरें आई थीं कि दिलीप घोष को चुनाव से पहले इस पद से हटाया जा सकता है, क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश भाजपा में अंदरूनी कलह से खुश नहीं है। विजयवर्गीय ने कहा कि खबरें ना केवल आधारहीन हैं, बल्कि भ्रामक और राजनीतिक रूप से प्रेरित भी है। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल भाजपा दिलीप घोष के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्हें हटाने का कोई सवाल ही नहीं है।

दिलीप घोष के करीबी माने जाने वाले व पश्चिम बंगाल भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि दिलीप दा को अपना पहला कार्यकाल पूरा करने के बाद इस जनवरी में तीन साल के लिए फिर से चुना गया था। उन्हें हटाने का कोई सवाल ही नहीं है। दिलीप घोष ने खुद कहा कि वह पार्टी के ‘‘वफादार सिपाही’’ हैं और ऐसी किसी भी खबर के बारे में नहीं जानते हैं। पार्टी की प्रदेश इकाई में हाल ही में एक बड़ा संगठनात्मक बदलाव देखे जाने के बाद इन अटकलों को बल मिला था। राज्य में दशकों तक राजनीतिक रूप से सीमित मौजूदगी के बाद भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी है। पिछले साल हुए आम चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भगवा पार्टी ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा नेताओं ने विश्वास जताया कि वे अगले साल अप्रैल और मई में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 10 साल के शासन को समाप्त कर देंगे। 

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