जेपी नड्डा ने झारखंड में 7 ग्रामीणों की हत्या पर जताया दुख, भाजपा की छह सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

Jharkhand. भाजपा नेता और पूर्व आइपीएस अधिकारी अरुण उरांव ने कहा कि पत्थलगड़ी समर्थकों से मुकदमा वापस लेना गलत है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 03:59 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 12:16 AM (IST)
जेपी नड्डा ने झारखंड में 7 ग्रामीणों की हत्या पर जताया दुख, भाजपा की छह सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
जेपी नड्डा ने झारखंड में 7 ग्रामीणों की हत्या पर जताया दुख, भाजपा की छह सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम सिंहभूम में सात आदिवासियों की हत्या की जांच को छह सदस्यीय कमेटी बनाई है, इसमें सांसद जसवंत सिंह भाभोर, राज्यसभा सदस्य समीर उरांव, सांसद भारती पवार, गोमती साय, जोन बार्ला और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा शामिल हैं। नड्डा ने जघन्य हत्याकांड पर गहरा दुख जताया है, साथ ही कमेटी से रिपोर्ट तलब की है।

इधर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने चाईबासा के सोनुवा में सात आदिवासियों की हत्या के मामले में कार्रवाई की मांग की है। झारखंड प्रदेश भाजपा ने कहा है कि सरकार सभी दोषियों को कानूनन सजा दिलाना सुनिश्चित करे। बुधवार को प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि पुलिस अपराधियों को जल्द गिरफ्तार करे। पार्टी नेता और पूर्व आइपीएस अधिकारी अरुण उरांव ने कहा कि पत्थलगड़ी समर्थकों से मुकदमा वापस लेना गलत है। इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा है और यह घटना इसी का नतीजा है। प्रेस वार्ता में अरुण उरांव के साथ रामकुमार पाहन और विधायक कोचे मुंडा भी मौजूद रहे।

अरुण उरांव ने कहा कि अपराधियों को वही सजा मिले, जिसके वे हकदार हैं। यह घटना राज्‍य की मौजूदा हालात को भी दर्शाता है। मंत्रिपरिषद का विस्‍तार नहीं हुआ है। सरकारी तंत्र में कौन क्‍या देखेगा, वह अभी तक लटका हुआ है। मुख्‍यमंत्री जिन पर यह जिम्‍मेदारी है, उनका ज्‍यादा समय राज्‍य से बाहर व्‍यतीत हो रहा है। सरकार बनने के महीने के बाद भी सरकार का गठन नहीं हुआ है। राज्‍य में कानून-व्‍यवस्‍था चरमरा गई है।

विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं। यह महागठबंधन सरकार कहती है कि वह आदिवासी की हितैषी है लेकिन सच यह है कि वह सिर्फ कहती है। रामकुमार पाहन ने कहा कि इस घटना के लिए राज्‍य सरकार दोषी है। राज्‍य में असामाजिक तत्‍व का मनोबल बढ़ गया है। इसी का परिणाम है कि भोले-भाले लोगों की हत्‍या हुई है। झारखंड में आदिवासी समाज की हितैषी सिर्फ भाजपा है। भाजपा मांग करती है कि मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दे।

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