पीडब्ल्यूडी से फुटेज मिलने से दंगों की जांच में आई तेजी

दंगे में सक्रिए भूमिका निभाने वाली पिजड़ा तोड़ की कई छात्राओं की अभी पहचान नहीं हो पाई है। दंगे में गिरफ्तार आरोपितों को जमानत न मिल पाए इसलिए दिल्ली पुलिस उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त किए गए 11 विशेष लोक अभियोजकों से सलाह मशविरा ले रही है। पुलिस की तरफ से उक्त विशेष लोक अभियोजक मामले की सुनवाई के दौरान कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 08:36 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:11 AM (IST)
पीडब्ल्यूडी से फुटेज मिलने से 
दंगों की जांच में आई तेजी
पीडब्ल्यूडी से फुटेज मिलने से दंगों की जांच में आई तेजी

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की जांच में एक बार फिर से तेजी आ गई है। कार्यालय खुलने के साथ ही दिल्ली पुलिस ने सुबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग द्वारा गत दिनों दिल्ली पुलिस को फुटेज मुहैया कराने से आरोपितों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि पिंजरा तोड़ की सदस्य गुलिफ्सा खातून उर्फ गुल को भी क्राइम ब्रांच जल्द गिरफ्तार करेगी।

जाफराबाद निवासी गुलिफ्सा को 21 जगहों पर दंगे का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसके सहयोग के लिए उमर खालिद ने नताशा नरवाल, देवांगना कलिका व सफूरा जरगर आदि कई छात्राओं को भेजा था। जाफराबाद दंगे के मामले में क्राइम ब्रांच अब जल्द गुलिफ्सा को गिरफ्तार करेगी। दंगे में सक्रिय भूमिका निभाने वाली पिजरा तोड़ की सदस्य गुलिफ्सा सहित कई छात्राओं की अभी पहचान नहीं हो पाई है। दंगे में गिरफ्तार आरोपितों को जमानत न मिल पाए इसलिए दिल्ली पुलिस, उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त किए गए 11 विशेष लोक अभियोजकों से सलाह मशविरा ले रही है। पुलिस की तरफ से उक्त विशेष लोक अभियोजक मामले की सुनवाई के दौरान कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश हो रहे हैं।

दंगों के 753 केस दर्ज हुए हैं, जिनमें 53 हत्या के शामिल हैं। जिन मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है उनमें पुलिस आरोप पत्र भी दायर कर रही है। जिला पुलिस जहां दंगे के छोटे मामले की जांच कर रही है, वहीं क्राइम ब्रांच हत्याओं, पुलिस पर पिस्टल तानने, स्कूल, पेट्रोल पंप व नर्सिंग होम जलाने आदि बड़े मामलों की जांच कर रही है। वहीं स्पेशल सेल दंगे की साजिश रचने वालों की जांच कर रही है। दंगे भड़काने में जेएनयू, जामिया व डीयू के कुछ छात्र संगठनों, वर्तमान व पूर्व छात्र-छात्राओं, पीएफआइ के सदस्यों, आम आदमी पार्टी के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन, राजधानी पब्लिक स्कूल के संचालक फैजल फारुख व इंडिया अगेंस्ट हेट से जुड़े लोगों की भूमिका की जांच कर रही है।

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