केरल: बेनतीजा रही सबरीमाला मंदिर मामले पर सर्वदलीय बैठक

केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचे घमासान का सर्वदलीय बैठक में भी कोई हल नहीं निकल सका।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 12:34 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 12:34 AM (IST)
केरल: बेनतीजा रही सबरीमाला मंदिर मामले पर सर्वदलीय बैठक
केरल: बेनतीजा रही सबरीमाला मंदिर मामले पर सर्वदलीय बैठक

तिरुवनंतपुरम, प्रेट्र। केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचे घमासान का सर्वदलीय बैठक में भी कोई हल नहीं निकल सका। शुक्रवार शाम मंदिर खुलने से एक दिन पहले इस मुद्दे पर राजधानी तिरुवनंतपुरम में गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही।

बैठक में केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत दस से पचास वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने पर अडिग रही। उसने 22 जनवरी तक अदालती आदेश पर अमल स्थगित करने की विपक्ष की मांग नहीं मानी। पिनाराई सरकार के इस रुख से क्षुब्ध भाजपा व कांग्रेस ने बैठक से बहिर्गमन कर दिया।

सरकार के कदम का विरोध करने का एलान किया। इससे सबरीमाला प्रकरण को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की संभावना प्रबल हो गई है। प्रशासन ने पूरे सबरीमाला में धारा 144 लगा दिया है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दरअसल, तीन घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक में पूरे समय सरकार और विपक्ष में खींचतान चलती रही। विपक्षी नेताओं का तर्क था कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ कई पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हैं।

शीर्ष अदालत इन पर अगले साल 22 जनवरी को सुनवाई करेगी। इसलिए राज्य सरकार उक्त तिथि तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल रोक दे। लेकिन राज्य सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का स्पष्ट कहना था कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले पर रोक नहीं लगाया है। इसलिए राज्य सरकार शीर्ष कोर्ट का आदेश लागू कराने के लिए बाध्य है। इस पर अपनी मांग अनसुनी किए जाने से नाराज भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने बैठक से बहिर्गमन कर दिया।

ध्यान रहे सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा का मंदिर आगामी त्योहारी सत्र के वास्ते शुक्रवार शाम पांच बजे से दो महीने के लिए खुल रहा है। इस दौरान राज्य सरकार दस से पचास वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को दर्शन-पूजन के लिए मंदिर में प्रवेश दिलाने की कोशिश करेगी। जबकि परंपरा के नाम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध करने वालों की पुरजोर कोशिश होगी कि किसी भी कीमत पर पचास वर्ष से नीचे की महिलाएं भगवान अयप्पा का दर्शन न करने पाएं। सर्वदलीय बैठक में कोई हल नहीं निकलने से सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की संभावना बढ़ गई है।

किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने गुरुवार आधी रात से सबरीमाला में धारा 144 लागू कर दिया। राज्य के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा के अनुसार, किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए 15 हजार जवानों को तैनात किया गया है। यात्रियों को दर्शन के बाद मंदिर क्षेत्र में नहीं रूकने दिया जाएगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले सबरीमाला मंदिर में दस से पचास वर्ष की उम्र के बीच का महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। लेकिन शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद हालात बदल गए हैं। पिछले दिनों करीब 15 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के उग्र विरोध के चलते उन्हें मंदिर के दरवाजे से लौटना पड़ा।

केरल के मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजयन का कहना है कि राज्य सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू कराने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं है। विपक्ष के नेता रमेश चेन्‍नीथला का कहना है कि सरकार सुलह के लिए तैयार नहीं है। वह श्रद्धालुओं की आस्था पर चोट कर रही है। यह भक्तों के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा है। केरल भाजपा के अध्‍यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई का कहना है कि बैठक वक्त की बर्बादी साबित हुई। सरकार अपनी ही बात पर अड़ी है। हम राज्य सरकार के निर्णय का विरोध करेंगे। सबरीमाला मंदिर के मुख्‍य पुजारी कंडारारू राजीवारू का कहना है कि हम कम उम्र की महिलाओं से केवल यही अपील कर सकते हैं कि वे मंदिर में दर्शन करने से परहेज करें। श्री श्रीरविशंकर का कहना है कि सबरीमाला में परंपराओं और भक्तों की आस्था का सम्मान होना चाहिए।

लेखक को मिली धमकी

कोच्चि। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की जोरदार पैरवी कर रहे मशहूर मलयाली लेखक सुनील पी इलैडोम को गंभीर खामियाजा भुगतने की धमकी मिली है। अज्ञात हमलावरों ने गुरुवार को उनके दफ्तर को निशाना बनाते हुए उनका नेमप्लेट तोड़ दिया। कलादि संस्कृत विश्वविद्यालय स्थित उनके कार्यालय की खिड़की पर भगवा रंग में खतरे का निशान बना दिया। इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है। राज्य सरकार ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

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