Rajasthan: लॉकडाउन में बंद शराब की दुकानों पर जुर्माना लगाने पर हाईकोर्ट ने सरकार को किया तलब

Rajasthan लॉकडाउन के महीनों में शराब की दुकानों पर कम बिक्री को लेकर लाइसेंस धारकों पर जुर्माना लगाने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए राज्य सरकार सहित जिला आबकारी अधिकारी नागौर को चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 06:08 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 06:08 PM (IST)
Rajasthan: लॉकडाउन में बंद शराब की दुकानों पर जुर्माना लगाने पर हाईकोर्ट ने सरकार को किया तलब
लॉकडाउन में बंद शराब की दुकानों पर जुर्माना लगाने पर हाइकोर्ट ने राजस्थान सरकार को तलब किया।

जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन के महीनों में शराब की दुकानों पर कम बिक्री को लेकर लाइसेंस धारकों पर जुर्माना लगाने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए राज्य सरकार सहित जिला आबकारी अधिकारी नागौर को चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। राज्य सरकार की ओर से कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन की अवधि मई-जून के दौरान शराब और बियर की कम खरीद व बिक्री पर 17 अगस्त को रिकवरी आदेश जारी कर नागौर जिले की एक लाइसेंस धारक पर ढाई लाख की पेनल्टी लगाई थी, जिसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। डेगाना स्थित शराब की दुकानों की लाइसेंस धारक मंजू देवी की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने न्यायालय को बताया कि याची को डेगाना शहर (जिला नागौर) में 12 मार्च, 2020 को शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति और लाइसेंस मिला लेकिन वर्तमान कोरोनाकाल में याची ने उक्त दुकान पांच मई को खोली।

तत्पश्चात डेगाना उपखंड अधिकारी ने डेगाना में मई में लॉकडाउन घोषित करते हुए समस्त आवागमन और शराब दुकानों को खोलने पर रोक लगा दी, जो रोक जून में भी लगातार रही। याची की ओर से बताया गया कि मई-जून 2020 माह में जब दुकान खोल ही नहीं सकते तो दुकान से बिक्री का सवाल ही नहीं उठता। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा उक्त मई-जून 2020 में शराब का कम उठाव (कम खरीद/बिक्री) को लेकर निकाली गई रिकवरी रुपये 2,55,530/- अवैध और मनमानी है। इस मामले में याची की ओर से बताया गया कि एक तरफ कोरोनाकाल मे राज्य सरकार शराब की दुकानों को खोलने पर रोक लगाई और दूसरी ओर कम बिक्री को लेकर रिकवरी आदेश निकालना गलत है। मामले में न्यायाधीश विजय विश्नोई ने उक्त रिकवरी नोटिस के अनुसरण में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है। 

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