रामनगर में जीजीआइसी के बाहर धरने पर बैठ गईं दर्जनों छात्राएं, जानिए क्या है मामला

उत्तराखंड में अटल उत्कृष्टि विद्यायल हिंदी मीडियम छात्रों के लिए मुसीबत बन गए हैं। विद्यालय में सिर्फ इंग्लिश मीडियम के छात्रोें को एडिमशन दिया जा रहा है। ऐसे में आठवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले बच्चों के सामने मुसीबत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 01:18 PM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 01:18 PM (IST)
रामनगर में जीजीआइसी के बाहर धरने पर बैठ गईं दर्जनों छात्राएं, जानिए क्या है मामला
रामनगर में जीजीआइसी के बाहर धरने पर बैठक गईं दर्जनों छात्राएं, जानिए क्या है मामला

रामनगर, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड में अटल उत्कृष्टि विद्यायल हिंदी मीडियम छात्रों के लिए मुसीबत बन गए हैं। विद्यालय में सिर्फ इंग्लिश मीडियम के छात्रोें को एडिमशन दिया जा रहा है। ऐसे में आठवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले बच्चों के सामने मुसीबत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। रामनगर के जीजीआइसी में अाठवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ने वाली छात्राओं को अब नौंवी में हिन्दी मीडियम में प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया है। अभिभावकों से वार्ता विफल होने पर छात्राएं स्कूल के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गई। बीईओ व प्रधानाचार्य के मनाने के तीन घंटे बाद छात्राओं ने धरना खत्म किया।

जीजीआईसी को राज्य सरकार ने अटल उत्कृष्ठ विद्यालय बना दिया है। ऐसे में विद्यालय में अब अंग्रेजी माध्यम से ही पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। कक्षा नौ की 60 से अधिक छात्राएं हिंदी माध्यम से ही पढ़ाई करना चाहती है। सोमवार को अभिभावक व सभासद विद्यालय में वार्ता करने पहुंचे। इस बीच उनकी वार्ता प्रधानाचार्य केडी माथुर से विफल रही। जिसके बाद छात्राएं अभिभावकों की मौजूदगी में स्कूल के बाहर धूप में धरने पर बैठ गई। अभिभावकों ने माइक, टेंट व गद्दे तक स्कूल के बाहर लगा दिए। छात्राओं ने धरना स्थल पर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की।

इस बीच सूचना पर बीईओ वंदना रौतेला भी मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने छात्राओं को प्रवेश दिए जाने को लेकर विभागीय कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद भी छात्राएं स्कूल में जाने को तैयार नहीं थीं। प्रधानाचार्य केडी माथुर ने छात्राओं को समझाकर स्कूल में चलने के लिए कहा। लेकिन छात्राएं पूरी तरह लिखित आश्वासन मिलने पर ही स्कूल के भीतर जाने पर अड़ी रहीं। अभिभावकों व सभासदों के कहने पर छात्राएं स्कूल के भीतर गई। समस्या के समाधान के लिए विद्यालय में अभिभावकों व सभासदों के बीच प्रधानाचार्य से वार्ता जारी थी।

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