15 से 20 हजार में कर देते थे नई बाइक का सौदा, लखनऊ में पांच चोर गिरफ्तार

लखनऊ के सरोजनीनगर थाने की पुलिस ने पांच बाइक चोरों को गिरफ्तार किया ये सभी किराये का मकान लेकर बाइक चोरी का काम करते थे। ये बाइक चुराकर 15 से 20 हजार रुपये में बेच देते थे। इनके पास से 10 बाइक 5 मोबाइल फोन जेवरात किये गए हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 07:39 PM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 06:01 AM (IST)
15 से 20 हजार में कर देते थे नई बाइक का सौदा, लखनऊ में पांच चोर गिरफ्तार
लखनऊ में चोरी की 10 बाइक, 5 मोबाइल समेत पांच बाइक चाेरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

लखनऊ, जेएनएन। सरोजनीनगर थाने की पुलिस ने पांच ऐसे वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है, जो किराये का मकान लेकर कई वाहनों को ठिकाने लगा चुके हैं। पकड़े गए चोरों में लखीमपुर के धर्मेंद्र कुमार मौर्य, मोहम्मद हनीफ, साहबान, और सीतापुर के इंतजार अली व बिहारी हैं। इंस्पेक्टर सरोजनीनगर आनंद शाही ने बताया कि चोरों के कब्जे से 10 बाइक, 5 मोबाइल फोन, जेवरात व 11,150 रुपए बरामद किये गए हैं। पुलिस की पूछताछ में चोरों ने बताया कि नई बाइक 15 से 20 हजार में बेच दिया करते थे। वह बाइक चुराने के बाद कुछ दिन तक छिपाकर रखते थे। फिर बाइकों को बेच कर अपने गिरोह के साथियों के साथ पैसा बांट लेते थे। पकड़े गए अभियुक्तों के खिलाफ लखीमपुर, बाराबंकी के सफदरगंज समेत राजधानी के बीकेटी, इंदिरानगर व अन्य थानों विभिन्न वाहन चोरी के मामले पहले से दर्ज हैं। सभी आरोपितों को जेल भेजा गया है। बिजनौर के सरवननगर इलाके से चोरों को पकड़ा गया था।

एक गिरोह करता था रेकी दूसरा चोरी: 

वाहन चोरों के गिरोह के कुछ साथी पहले वाहन व उसके चालक की रेकी करते थे, फिर अपने दूसरे साथियों को सूचना दे देते थे, वह वाहन चोरी कर फरार हो जाते थे।

पुलिस से बचने के लिए बदल देते थे जिला

डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया कि पकड़े गए चोर पुलिस चेकिंग से बचने के लिए चोरी के बाद जिला बदल देते थे। गिरोह के सदस्य लखनऊ में बड़े स्तर पर वाहन चोरी के बाद लखीमपुर में अपना अगला टारगेट पूरा करते थे। यह गिरोह अब तक 50 से अधिक वाहन बेच चुका है। लखीमपुर के बाद वहां से बाराबंकी फिर कोई जिला। ऐसे ही प्रदेशभर में ठिकाना बदला करते थे। सोमवार रात सभी को सरोजनीनगर पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा। इनके कब्जे से मास्टर की भी बरामद हुईं हैं, जिससे ये किसी भी वाहन को स्टार्ट कर उससे फरार हो जाते थे।

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