Maharashtra: एनसीपी में शामिल हुए एकनाथ खडसे
Eknath Khadse एनसीपी के प्रमुख शरद पवार की उपस्थिति में एकनाथ खडसे पार्टी में शामिल हो गए। महाराष्ट्र भाजपा में गोपीनाथ मुंडे-प्रमोद महाजन की टीम के भरोसेमंद सदस्य रहे एकनाथ खडसे ने बुधवार को भाजपा को अलविदा कह दिया था।
मुंबई, एएनआइ। Eknath Khadse: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार की उपस्थिति में एकनाथ खडसे पार्टी में शामिल हो गए। महाराष्ट्र भाजपा में गोपीनाथ मुंडे-प्रमोद महाजन की टीम के भरोसेमंद सदस्य रहे एकनाथ खडसे ने बुधवार को भाजपा को अलविदा कह दिया था। उन्होंने कहा कि उन्हें देवेंद्र फड़नवीस के कारण भाजपा छोड़नी पड़ी। वहीं, फड़नवीस ने उचित समय आने पर उनके इस आरोप का उत्तर देने की बात कही। खडसे ने जहां एक ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल को मात्र डेढ़ पंक्ति की चिट्ठी लिखकर व्यक्तिगत कारणों से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने की घोषणा की।
जयंत पाटिल का तो यह भी दावा है कि भाजपा के करीब एक दर्जन विधायक राकांपा में शामिल होना चाहते हैं। नाथा भाऊ के नाम से मशहूर एकनाथ खडसे मुंडे-महाजन की टीम में पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में जाने जाते थे। उत्तर महाराष्ट्र में उन्हें भाजपा की रीढ़ माना जाता था। 2014 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते समय वह मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। लेकिन देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर उन्हें राजस्व मंत्री पद से संतोष करना पड़ा था। 2016 में कुछ आरोप लगने के कारण उन्हें अपने पद से त्यागपत्र भी देना पड़ा था। ये आरोप उनके सरकारी बंगले पर लगे फोन पर कराची में रह रहे माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के घर से फोन आने का था। हालांकि उन पर यह आरोप साबित नहीं हो पाया।
अब खडसे का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री फड़नवीस ने उनका राजनीतिक करियर चौपट किया है। कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना ने कभी उनका इस्तीफा नहीं मांगा था। भाजपा में फूट को देखते हुए सत्तारूढ़ शिवसेना की बांछें खिली हुई हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खडसे के महाविकास आघाड़ी के एक दल में शामिल होने का स्वागत किया है। खडसे ने भाजपा भले छोड़ दी हो, लेकिन उनकी बहू रक्षा खडसे अब भी भाजपा की सांसद हैं।
खडसे के निर्णय पर खेद जताते हुए रक्षा ने कहा कि वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने व्यक्तिगत कारणों से भाजपा से त्यागपत्र दिया है। आज का दिन हमारे लिए बहुत दुखदायक है। उनके इस निर्णय से हमारा दल भी दुखी है। रक्षा ने कहा कि मैं भाजपा से चुनकर आई हूं। लोगों ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में मुझे चुना है इसलिए मैं भाजपा में ही रहूंगी और पार्टी जो जिम्मेदारी देगी उसका निर्वाह करती रहूंगी। रक्षा का मानना है कि भाजपा ने नाथा भाऊ को भरपूर अवसर दिए। ये बात वह स्वयं भी मानते हैं। उन्होंने जीवन के 40 वर्ष पार्टी को इस मुकाम तक लाने में खपा दिए, यह मानना चाहिए।