Jammu Kashmir : दरबार मूव के कर्मचारियों की आवासीय सुविधा समाप्त, 21 दिन में क्वार्टर खाली करने के निर्देश
जारी आदेश के तहत जम्मू और श्रीनगर में अधिकारियों कर्मचारियों की आवासीय सुविधा को रद कर दिया गया है। जम्मू के जिन अधिकारियों को श्रीनगर में और श्रीनगर के जिन अधिकारियों को जम्मू में आवासीय सुविधा मिली रही है उसे अब यह सुविधा नहीं मिलेगी।
जम्मू, जेएनएन : जम्मू कश्मीर सरकार ने एक अहम फैसले में दरबार मूव के कर्मचारियों की जम्मू और श्रीनगर में आवासीय सुविधा को रद कर दिया है। इस्टेट विभाग के आयुक्त सचिव एम राजू की तरफ से जारी आदेश के तहत जम्मू और श्रीनगर में अधिकारियों, कर्मचारियों की आवासीय सुविधा को रद कर दिया गया है। जम्मू के जिन अधिकारियों को श्रीनगर में और श्रीनगर के जिन अधिकारियों को जम्मू में आवासीय सुविधा मिली रही है, उसे अब यह सुविधा नहीं मिलेगी।
जारी आदेश में स्पष्ट कह दिया गया है कि दरबार मूव के सभी कर्मचारी तीन सप्ताह यानी 21 दिन के भीतर क्वार्टर खाली कर दें। इस अहम फैसले से प्रदेश सरकार का काफी राजस्व बचेगा। दरअसल महाराजा गुलाब सिंह के जमाने से जम्मू कश्मीर में दरबार मूव की प्रथा चली आ रही थी। छह महीने के लिए पूरा सचिवालय जम्मू और छह महीने के लिए श्रीनगर शिफ्ट होता रहा। इस प्रक्रिया में सचिवालय का पूरा स्टाफ मूव करता रहा। कश्मीर के मुलाजिमों के लिए जम्मू में और जम्मू के मुलाजिमों के लिए कश्मीर में क्वार्टर की सुविधा होती थी।
इस सुविधा पर सरकार को सैकड़ों करोड़ हर साल खर्च होता रहा। पिछले दिनों प्रदेश प्रशासन ने ई-गर्वनेंस शुरू कर दरबार मूव की प्रथा को इतिहास बना दिया। लिहाजा अब दरबाव के साथ मूव होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को आवास की सुविधा भी अप्रासंगिक हो गया। इसी को देखते हुए बुधवार को इस्टेट विभाग ने आदेश जारी कर सभी उन कर्मचारियों को सरकारी क्वार्टर तीन सप्ताह में खाली करने को कहा दिया गया, जो दरबार मूव का हिस्सा होते थे।
इस्टेट विभाग के पास हैं 4678 क्वार्टर : इस्टेट विभाग के पास 4678 क्वार्टर उपलब्ध हैं। इनमें 3200 जम्मू में और 1478 श्रीनगर में हैं। सरकार की तरफ कर्मचारियों को प्राइवेट आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है। इस्टेट विभाग ने आवासीय सुविधा हासिल करने वाले कर्मचारियों की सूची भी जारी की है। विभाग ने सामान्य प्रशासनिक विभाग के आदेश का हवाला देते हुए आवासीय सुविधा उनके स्थान आर्डर के आधार पर रद की है। नागरिक सचिवालय में दस हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।