आनंद में डूबी रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा

84 कोस में पड़ने वाले 151 तीर्थ स्थलों पर हुआ जप पाठ व अनुष्ठान. राम मंदिर भूमि पूजन के उल्लास में गूंजी राम नाम की धुन.

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 11:38 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 11:38 PM (IST)
आनंद में डूबी रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा
आनंद में डूबी रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा

अयोध्या : सांस्कृतिक चेतना की प्रतीक रामनगरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राममंदिर भूमि पूजन होने पर राम भक्तों में आस्था का ज्वार हिलोरें मारने लगा। सदी के सबसे बड़े उत्सव का यह उत्साह महज रामनगरी में ही नहीं, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में नजर आया। सरयू की तरह ही इन क्षेत्रों में प्रवाहमान गोमती व तमसा के तट पर दीप रोशन हुए। अयोध्या की के 84 कोस की परिधि में उमंग, उत्सव व उल्लास में रामभक्त डूबे रहे। ऋषि, मुनियों की तपस्थलियों व 151 तीर्थ स्थलों पर जप व अनुष्ठान के साथ श्रीरामचरितमानस, दुर्गा सप्तशती व विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ हुआ। मंगलवार की सुबह से ही इन स्थलों पर वैदिक मंत्रोच्चार गूंजने लगे थे, बुधवार को यह उत्साह चरम पर रहा। हजारों सनातन धर्मावलंबियों के परिवारों में मालाएं लेकर बड़े-बुजुर्ग राम-नाम का जप कर रहे हैं। अवध की फिजां में रामनाम की गूंज पड़ी। हर घर में दीप प्रज्जवलित हुए। रामधुन की गूंज के साथ मठ मंदिर और घर-घर बधाई गीत गाए गए। सिद्धपीठ कामाख्या भवानी मंदिर परिसर में सवा लाख दुर्गा सप्तशती मंत्र का पाठ बुधवार को पूरा हुआ। यहां पर विधायक रामचंद्र यादव की अगुवाई में 5100 दीपों को जलाया गया। विहिप की 84 कोसी परिक्रमा यात्रा के पड़ाव स्थल मलकानिया धाम में रामचरित मानस का पाठ हुआ। बरौली मठ पर जप हुआ तो तमसा तट पर मांडव्य ऋषि आश्रम बसौढ़ी में ग्रामीण उत्साह से लबरेज नजर आए। यहां घर - घर भगवा ध्वज लहराया। तमसा तट पर 5100 दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया गया। मठ मंदिरों में जय श्रीराम की गूंज पूरे दिन सुनाई पड़ी।

इनसेट

नए सिरे से परिभाषित होगी सांस्कृतिक सीमा

रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा पथ को राजमार्ग का दर्जा मिल चुका है। अब इन तीर्थ स्थलों के विकसित होने की उम्मीद जगी है। यह तीर्थ क्षेत्र अयोध्या सहित चार जिलों में फैला हुआ है। ऋषि, मुनियों की तपस्थलियों, अवतार स्थलों का स्कंद पुराण, वाल्मीकि रामायण, हरिबंश पुराण, रुद्रयामल जैसे ग्रंथों में वर्णन है।

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जय श्रीराम से गूंजे तीर्थ स्थल

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र 84 कोस में अयोध्या जिले के महबूबगंज

स्थित ऋषि ऋंगी आश्रम, नंदीग्राम भरतकुंड, आस्तीक ऋषि आश्रम आस्तीकन,जन्मेजय कुंड सिड़सिड़, च्यवन ऋषि आश्रम राजापुरवा, रमणक ऋषि पंडितपुर,माण्डव्य ऋषि आश्रम बसौढ़ी, गौतम ऋषि रुदौली, मां कामख्या भवानी मंदिर सुनबा, गोंडा जिले के वाराह सूकर क्षेत्र, संत तुलसी दास की जन्मस्थली राजापुर, ऋषि यमदग्नि जमथा, ऋषि अष्टावक्र रामघाट, ऋषि पाराशर परास गांव,

कपिल मुनि आश्रम महंगूपुर, वाराही देवी रगड़गंज, बस्ती जिले में पुत्रेष्टि यज्ञ स्थल मखभूमि मखौड़ा, रामरेखा छावनी सहित सभी स्थलों पर अनुष्ठान हुए। रोशन हुई बलिदानी कारसेवक की समाधि

शुजागंज स्थित बलिदानी कारसेवक राम अचल गुप्ता की समाधि स्थल पर दिए जला कर श्रद्धांजलि दी गई। उनके पुत्र संजय गुप्त ने कहा कि आज पिता की आत्मा को शांति मिलेगी।

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