Rajasthan: कांग्रेस दो अक्टूबर को पेश करेगी गहलोत सरकार का रिपोर्ट कॉर्ड

Rajasthan Congress अशोक गहलोत सरकार अपने पौने दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड दो अक्टूबर को सार्वजनिक करेगी। गहलोत सरकार प्रदेश के लोगों को बताएगी कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे किये थे किस-किस क्रम में पूरे हुए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 09:04 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 09:04 PM (IST)
Rajasthan: कांग्रेस दो अक्टूबर को पेश करेगी गहलोत सरकार का रिपोर्ट कॉर्ड
कांग्रेस दो अक्टूबर को गहलोत सरकार का रिपोर्ट कॉर्ड पेश करेगी।

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Congress: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अपने पौने दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड दो अक्टूबर को सार्वजनिक करेगी। रिपोर्ट कार्ड में गहलोत सरकार प्रदेश के लोगों को बताएगी कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे किए थे, किस-किस क्रम में पूरे हुए हैं। जनघोषणा पत्र के क्रियान्वयन पर निगरानी रखने को लेकर कांग्रेस आलाकमान द्वारा गठित कमेटी ने शुक्रवार को जयपुर में बैठक ली। कमेटी के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बैठक कर जन घोषणा पत्र में किए गए 503 वादों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। कमेटी के सदस्य पंजाब के सांसद अमर सिंह भी इस बैठक में मौजूद थे।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से इस बैठक से जुड़े। बैठक में बताया गया कि 503 में से 145 वारे पूरे जो चुके हैं। 216 पर काम चल रहा है, जो अगले कुछ दिनों में पूरे हो जाएंगे। शेष वादे अगले साल पूरे होंगे। इस दौरान केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता नहीं मिलने व राज्य के हिस्से की विभिन्न मदों की राशि रोके जाने का मुद्दा भी उठा, जिसके कारण कामकाज सही तरह से नहीं हो पा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डेटासरा ने कहा कि जनघोषणा पत्र पर हुए काम का रिपोर्ट कार्ड दो अक्टूबर को जनता के सामने पेश किया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड लगभग तैयार है। 

इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला व छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टीएस सिंह देव ने शुक्रवार को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि संसद में अन्नदाता के नुमाइंदों का गला घोंटा जाता है। वहीं, सड़कों व खेत में किसानों और मजदूरों को बेरहमी से पीटा जा रहा है। किसान विरोधी एजेंडा मोदी सरकार ने 2006 में बिहार से शुरू किया था, जहां किसान बर्बाद हो गया। अब इन तीन काले कानून के माध्यम से देशभर में ले आए हैं। तीनों कृषि विधेयकों की आलोचना करते हुए गहलोत, सुरजेवाला व देव ने कहा कि देश में लोकतंत्र खतरे में है। किसान सड़कों पर हैं। देश में कारोना फैला हुआ है, सीमा पर चीन और खेतों में मोदी ने हमला बोल रखा है।

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