प्रदीप-बंधु की इंट्री से झारखंड कांग्रेस में बगावत, इरफान ने खोला मोर्चा

प्रदीप यादव पर टिप्पणी करते हुए इरफान अंसारी ने कहा कि झाविमो के रिजेक्टेड माल को कांग्रेस में लाने की कोई जरूरत नहीं थी। इन्हें भाजपा ने भी ठुकरा दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 04:07 AM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 07:02 AM (IST)
प्रदीप-बंधु की इंट्री से झारखंड कांग्रेस में बगावत, इरफान ने खोला मोर्चा
प्रदीप-बंधु की इंट्री से झारखंड कांग्रेस में बगावत, इरफान ने खोला मोर्चा

खास बातें

विचार नहीं लिए जाने से नाराज हुआ प्रदेश संगठन, इरफान ने कहा, रिजेक्टेड माल के लिए जगह नहीं झाविमो से निष्कासित बंधु और नाराज प्रदीप को लेकर राहुल-सोनिया से मिले आरपीएन सिंह झारखंड में पहुंचकर औपचारिक तौर पर दोनों विधायकों को कराया जाएगा पार्टी में शामिल

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विकास मोर्चा से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और विधानसभा में झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। दोनों नेताओं को लेकर नई दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। यहां उनके कांग्रेस में शामिल होने पर सहमति पहले ही दी जा चुकी थी।

कुछ दिनों बाद झारखंड में औपचारिक तौर पर दोनों को पार्टी में शामिल कराया जाएगा। विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की का नई दिल्ली में स्वागत तो किया गया, लेकिन झारखंड में विरोध की चिंगारी सुलग गई है। प्रदेश नेतृत्व विचार नहीं लिए जाने से नाराज है तो विधायक इरफान अंसारी ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदीप यादव पर टिप्पणी करते हुए अंसारी ने कहा कि झाविमो के रिजेक्टेड माल को कांग्रेस में लाने की कोई जरूरत नहीं थी। इन्हें भाजपा ने भी ठुकरा दिया है।

गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के साथ झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के दोनों नेताओं की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार शीघ्र ही इन्हें झारखंड कांग्रेस में शामिल कराया जा सकता है। दोनों को पार्टी में शामिल कराने के लिए सहमति मिलने के बाद ही यह मुलाकात हुई है। चर्चा है कि इन्हें पार्टी अथवा सरकार में शीघ्र ही कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। 

झाविमो का विलय अब और आसान

झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय की कवायद चल रही है और पार्टी प्रमुख बाबूलाल मरांडी का इस मुद्दे पर दोनों विधायकों से मनमुटाव चल रहा था। इस क्रम में बंधु तिर्की को तो पार्टी से निकाल ही दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ विलय को लेकर किसी प्रकार की कवायद पर दोनों नेताओं ने बार-बार अलग-अलग स्तरों पर विरोध दर्ज कराया था। अब इन नेताओं के दूसरी पार्टी में चले जाने से झाविमो के विलय का मार्ग आसान हो जाएगा। ऐसे भी पार्टी में इस निर्णय का संभावित तौर पर विरोध करनेवाले नेता पहले ही किनारे कर दिए गए हैं। 

राहुल को भ्रमित कर रहे नेता, सोनिया से मिलकर इस्तीफा दूंगा

जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं के बीच पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। इरफान ने कहा कि वे कार्यकारी अध्यक्ष हैं और संताल परगना में पार्टी का चेहरा भी। पार्टी को मजबूत स्थिति में लाने के लिए जिन लोगों ने दिन रात मेहनत की है, उनकी भावनाओं को दरकिनार कर प्रदीप यादव को सीधे दिल्ली में शामिल कराया जा रहा है।

इसके पूर्व भी प्रदीप यादव ने लोकसभा चुनाव में गोड्डा से जबरन महागठबंधन उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और फजीहत करवा दी। कुछ लोग दिल्ली से ही झारखंड कांग्रेस को चलाना चाहते हैं। ऐसे लोगों की अब नहीं चलेगी। प्रदीप यादव की शुरुआती ट्रेनिंग आरएसएस में हुई है और उन्हें कांग्रेसी कार्यकर्ता स्वीकार नहीं करेंगे। 

एक बार फिर पांच मंत्री पद के लिए होगी दावेदारी

सूत्र बताते हैं कि झामुमो ने कांग्रेस आलाकमान को चार विधायक पर एक मंत्री के फॉर्मूले के लिए तैयार कर लिया था और 16 विधायकों के साथ कांग्रेस के पास चार ही मंत्री रहने की संभावना थी। वर्तमान परिस्थिति में कांग्रेस के 18 विधायक हो जाएंगे और दावा पांच पदों के लिए फिर से किया जा सकता है।

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