CNG लीकेज, वायरिंग में छेड़छाड़ से लगती है गाड़ियों में आग
राजधानी लखनऊ में सप्ताह भर में 12 से ज्यादा चलती गाड़ियों में आग लगने के मामले सामने आए हैं। सीएनजी वाहनों में ज्यादा आ रही है दिक्कत फ्यूल पंप में छेड़छाड़ की वजह से लगती है आग। सीएनजी में लीकेज भी है आग की बड़ी वजह।
लखनऊ, जेएनएन। आए दिन सड़क पर दौड़ रही गाड़ियों में अचानक आग लग जाने की वजह से धू-धू कर जलने लगती हैं। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए वाहन स्वामियों को सतर्कता बरतनी हाेगी। न केवल वाहनों में लगी सीएनजी किट की समय से जांच कराएं बल्कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के फ्यूल पंप से छेड़छाड न करें। यही नहीं कार में लगे उपकरणों से होने वाले शार्ट-सर्किट को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।
ये तरीके अपनाएं ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ के संभागीय निरीक्षक सर्वेश चतुर्वेदी के मुताबिक निम्न कारधारक निम्न सावधानियां बरतें--वाहनों में लगी सीएनजी किट और सिलेंडर की जांच प्रतिवर्ष कराना जरूरी है। सीएनजी किट के रिसाव की जांच हर तीन माह में कराएं तो बेहतर होगा। इसकी वजह है कार के चलने से सीएनजी किट में दरार आ जाती है। इससे सीएनजी रिसाव की संभावना बन जाती है। वाहनों में इलेक्ट्रिक फिटमेंट सिस्टम और वायरिंग में जोड़कर म्यूजिक सिस्टम का प्रयोग न करें क्योंकि यह यंत्र हाई वोल्टेज पर बजते हैं। इससे शार्ट-सर्किट की संभावना बनती है। बैटरी से संचालित होने के कारण आग लग सकती है। कंपनी द्वारा लगे हार्न का ही प्रयोग करें न कि क्षमता से अधिक शोर वाले प्रेशर हार्न के लिए तार से छेड़छाड़ करें।
हफ्ते भर में एक दर्जन वाहनों में लगी आम
बता दें कि रविवार सुबह बाराबिरवा चौराहे के पास कानपुर रोड पर चलती कार में अचानक आग लग गई। कार चालक ने किसी तरह गाड़ी से बाहर निकल कर अपनी जान बचाई। इसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई थी। दमकल की एक गाड़ी ने आग पर काबू पा लिया। हालांकि तब तक कार पूरी तरह से जल चुकी थी। राजधानी में पिछले कुछ दिनों में करीब एक दर्जन वाहनों में आग लग चुकी है। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।