Rajasthan Political Crisis: गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी भाजपा

Rajasthan Political Crisis राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान सरकार में बहुत सारे मतभेद हैं। हम भी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 04:33 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 02:07 AM (IST)
Rajasthan Political Crisis: गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी भाजपा
Rajasthan Political Crisis: गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी भाजपा

जयपुर, राज्य ब्यूरो। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के बीच शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के पहले ही दिन प्रतिपक्ष में बैठी भाजपा अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले कर आएगी। यह इस सरकार का पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा। भाजपा विधायक दल की गुरुवार को हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में फैसला किया गया। पार्टी में नेताओं ने एकजुटता की बात कही, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर गुटबाजी की बातों को गलत बताया। राजस्थान विधानसभा का महत्वपूर्ण सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इससे पहले गुरुवार को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई।

अविश्वास प्रस्ताव तैयार

बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई और तय किया गया कि पार्टी सरकार के खिलाफ शुक्रवार को पहले दिन ही अविश्वास प्रस्ताव ले कर आएगी। अविश्वास प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और इस पर प्रस्ताव के लिए जरूरी 40 विधायकों के हस्ताक्षर भी करवा लिए गए हैं।

जो भी सरकार के खिलाफ होगा वह हमारे साथ जुड़ जाएगाः कटारिया

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि जिस तरह प्रदेश कांग्रेस सरकार दो धड़ों  में बंटी नजर आ रही है, उससे प्रदेश की जनता के विकास कार्य अटक गए हैं और जनता त्रस्त है। ऐसी स्थिति में भाजपा सशक्त विपक्ष के नाते सत्र के पहले दिन सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। भाजपा विधायकों की मौजूदा संख्या 72 है और सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों को मिलाकर यह संख्या सदन में 75 होती है। ऐसे में संख्या बल भाजपा के पास नहीं है। इस बारे में कटारिया ने कहा कि अभी हमारे पास केवल हमारे ही विधायक हैं और सदन में जब हम प्रस्ताव लेकर आएंगे तो जो भी सरकार के खिलाफ होगा वह हमारे साथ जुड़ जाएगा।

सरकार में भारी विरोधाभासः पूनिया

वहीं, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार में भारी विरोधाभास है और ऐसी सरकार कब तक चलेगी यह नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सरकार विश्वास प्रस्ताव ले कर आए और बहुमत साबित कर दे, लेकिन नैतिक रूप से सरकार जनमत खो चुकी है और इसीलिए हम अविश्वास प्रस्ताव ले कर आएंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग पूरी मुखरता से जनहित के मुद्दों पर घरेंगे।

विधानसभा सत्र में सरकार की विफलताओं को दर्ज कराएंगे

वहीं, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से अभी तक विधानसभा की अस्थाई कार्य सूची उपलब्ध नहीं कराई है। ऐसे में लगता है कि सरकार सिर्फ अपना बहुमत साबित कर सत्र खत्म करवा देगी, इसलिए हम सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे और विधानसभा सत्र में सरकार की सारी विफलताओं को दर्ज कराएंगे।

वसुंधरा ने गुटबाजी की खबरों को बताया गलत

राजस्थान में पिछले दिनों के सियासी घटनाक्रम के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुप्पी तथा पार्टी के निर्णय के बावजूद करीब 12 विधायकों के गुजरात जाने से मना करने के बाद पार्टी में गुटबाजी के संकेत मिले थे। ऐसे में आज सबकी नजर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बैठक में मौजूदगी पर लगी हुई थी। राजे तय समय पर बैठक में आईं और पार्टी के नेताओं के साथ उन्होंने मंच साझा किया। पार्टी में गुटबाजी की खबरों पर उन्होंने किया और कहा कि कुछ लोग भाजपा में फूट की खबरें फैला रहे है। उन्हें बता दूं कि भाजपा एक परिवार है। जिसको आगे बढ़ाने के लिए हम सभी एकजुट हैं, संकल्पित हैं। उन्होंने अपनी मां विजया राजे सिंधिया को याद करते हुए लिखा कि उन्होंने मुझे सिखाया था कि जिस पार्टी की मैं कार्यकर्ता हूं, उसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है और मैं उन्हीं के कदमों पर आगे बढ़ रही हूं। बैठक में राजे ने कहा कि कांग्रेस ने जनता का नहीं खुद के हितों का ध्यान रखा। हमने राजस्थान में 10 साल खूब काम किया था। कांग्रेस सरकार आने के बाद हमारी योजनाओं के नाम बदल दिए गए या बंद कर दी गईं। अब हमें केंद्र के कामों को लोगों तक पहुंचाना है। राजे ने राममंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री को बधाई भी दी।

तोमर ने कहा पार्टी में सब ठीक है

बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विशेष तौर पर आमंत्रित थे। बताया जा रहा था कि वे यहां पार्टी में गुटबाजी की स्थिति के बारे में फीडबैक लेंगे। बैठक में उन्होंने आलाकमान की ओर से सबको एकजुट रहने का संदेश दिया और कहा कि हमारे लिए देश और पार्टी सबसे पहले है। उसके बाद उन्होंने कहा कि राजस्थान में पार्टी सब कुछ ठीक है। किसी को फिक्र करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि कांग्रेस में टूट की जिम्मेदार सिर्फ कांग्रेस ही है और सरकार गिरेगी तो अपने भार से ही गिरेगी।

एक विधायक ने कहा, राजे ही हमारी नेता

विधायक दल की बैठक में नेताओं ने ही अपनी बात रखी। हालांकि बैठक के बाहर छबड़ा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा राजे ना केवल बड़ी नेता हैं बल्कि मैं उनकी लीडरशिप को मानता हूं। हालांकि, जब उनसे प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व के के बारे में पूछा गया तो सिंघवी ने कहा कि पूनिया प्रदेश अध्यक्ष हैं। पार्टी की अपनी व्यवस्था है और प्रदेश अध्यक्ष का कहना सभी को मानना पड़ता है। सिंघवी से जब पूछा गया कि क्या मौजूदा सियासी घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनदेखी की जा रही है तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया और कहा कि यह सब मामला उच्च स्तर पर है। हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है, होती है तो बता देते हैं।

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