भाजपा- शिवसेना की दोस्ती बनी रही, लोकसभा में भाजपा बड़ी पार्टी; विधानसभा में बराबरी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना बीते 25 सालों से एकसाथ हैं। हमारे बीच कई चीजों को लेकर मतभेद हैं लेकिन हमारे विचार एक है।

By BabitaEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 06:59 AM (IST)
भाजपा- शिवसेना की दोस्ती बनी रही, लोकसभा में भाजपा बड़ी पार्टी; विधानसभा में बराबरी
भाजपा- शिवसेना की दोस्ती बनी रही, लोकसभा में भाजपा बड़ी पार्टी; विधानसभा में बराबरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लंबे उहापोह के बाद आखिरकार मंगलवार को तय हो गया कि आगामी लोकसभा चुनाव मे भी भाजपा और शिवसेना की दोस्ती बरकरार रहेगी। साथ रहकर और अलग अलग लड़कर भी बेहतर प्रदर्शन देने वाली भाजपा को लोकसभा में बड़े भाई का दर्जा रहेगा। वह 25 सीटों पर लड़ेगी और शिवसेना 23 पर। जबकि नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों बराबरी से लड़ेगी।

दरअसल, पिछले चार साढ़े चार वर्षों से शिवसेना भाजपा से रिश्ता तोड़ने की बात भले ही करती रही हो, दोनों दलों के अंदर यह स्पष्ट था कि महागठबंधन से लड़ना है तो साझा ही उतरना होगा। मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर गए। लगभग 50 मिनट तक आपसी चर्चा हुई और फिर साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान कर दिया गया कि दोनों साथ ही उतरेंगे। जाहिर तौर पर प्रदर्शन में तुलनात्मक रूप से पिछड़ती रही शिवसेना ज्यादा सीट चाहती थी लेकिन उसे लोकसभा में थोड़ा नीचे संतुष्ट कर भाजपा ने खुद की छवि को बचा लिया।

बताते हैं कि महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में भाजपा जिन 25 सीटों पर लड़ेगी उसमें किसी दूसरे अहम छोटे दल को भी शामिल किया जा सकता है। संभवत: आरपीआइ। कोई अन्य दल भी शामिल हो सकता है। जबकि विधानसभा में बराबरी पर दोनों के उम्मीदवार उतरेंगे।

गौरतलब है कि शिवसेना विधानसभा में बड़े भाई की भूमिका में वापस आना चाहती थी। ऐसे में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी मे भी वही दल बाजी मारेगा जो ज्यादा सीटें लाएगा।भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पिछले सारे मनमुटाव को भुलाकर आगे बढ़ने का वादा किया। शाह ने कहा कि यह दोनों दलों के करोड़ों समर्थकों की इच्छा थी और वह पूरी हुई।

गौरतलब है कि 288 विधानसभा वाले महाराष्ट्र में पिछली भाजपा शिवसेना से बराबरी की सीट मांग रही थी लेकिन वह शिवसेना को मंजूर नहीं था। लिहाजा दोनों दल अलग अलग लड़े थे और भाजपा ने बड़ी जीत पाई थी लेकिन सरकार मिलकर ही बनानी पड़ी। सरकार में रहने के बावजूद नगर निगम चुनाव मे भी दोनों अलग अलग गए लेकिन गठन साथ मिलकर ही करना पड़ा। ऐसे में जब दूसरी ओर से महागठबंधन की कवायद है तो दोनों ने साथ चलना ही उचित माना। 

महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना 45 सीटों पर विजय प्राप्त करेंगेः अमित शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा का अगर कोई सबसे पुराने साथी हैं तो वे शिवसेना और अकाली दल है जिन्होंन हर वक्त हमारा साथ दिया है। भाजपा और शिवसेना ने राम मंदिर और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद जैसे कई मुद्दों को दशकों से एकसाथ उठाया है।

हमारे बीच जो भी मनमुटाव था उसे हम आज इसी वक्त यहीं पर खत्म करते हैं। भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर महाराष्ट्र में लोकसभा की 45 सीटों पर विजय प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा पूरा भरोसा है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाएगी।

भाजपा-शिवसेना के बीच मतभेद जरूर थे लेकिन मन साफ थाः ठाकरे
वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारे बीच थोड़े मतभेद जरूर हैं लेकिन हमारे मन एकदम साफ है।राम मंदिर का मुद्दा हम हमेशा से उठाते रहे हैं। मैं उन सैनिकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो पुलवामा हमले में शहीद हो गए। हमारे बीच जो भी मतभेद थे उनको लेकर अमित भाई से हमारी बातचीत हो गई है। हम कोशिश करेंगे कि आगे ऐसी स्थिति दोबारा न आए।

कई चीजों को लेकर मतभेद हैं लेकिन हमारे विचार एक हैः फडणवीस 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना बीते 25 सालों से एकसाथ हैं। हमारे बीच कई चीजों को लेकर मतभेद हैं लेकिन हमारे विचार एक है। राष्ट्रवादी विचार वाले पार्टियों का एक होना जरूरी है। इसलिए हम विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एकसाथ लड़ेंगे। यह सारे मतभेदों को भुलाकर एकसाथ आने का वक्त है। हम किसानों से जुड़े मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाएंगे।

फडणवीस ने कहा कि लोकसभा की 48 सीटों में से भाजपा 25 सीटों पर जबकि शिवसेना 23 सीटों पर लड़ेगी चुनाव। वहीं, आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। कुल 288 सीटों में भाजपा और शिवसेना 140-140 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी 8 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ा जाएगा। हमने यह फैसला राष्ट्र के हित में लिया है और हमें विश्वास है कि एनडीए 2019 में सत्ता में वापस आएगी।

शिवसेना से भाजपा का गठबंधन राजनीति से परे : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि शिवसेना के साथ भाजपा का गठबंधन राजनीति से परे है और भारत को मजबूत बनाने की इच्छा से जुड़ा है। दोनों दलों का साथ लड़ने का फैसला राजग को और मजबूत बनाएगा। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे विश्वास है कि हमारा गठबंधन महाराष्ट्र का पहला और अकेला विकल्प बनने जा रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी और बाल ठाकरे के विजन से प्रेरित भाजपा-शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र की भलाई के लिए काम करता रहेगा। साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य में फिर से विकास चाहने वाले, ईमानदार और भारतीय संस्कृति पर गर्व करने वाले प्रतिनिधि चुने जाएं।'

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