Ayodhya Ram Mandir: बुजुर्ग शरीफ चचा की इच्छा, अयोध्या में पीएम मोदी से हो मुलाकात
Ayodhya Ram Mandir साइकिल मिस्त्री शरीफ चचा को राममंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला है। उनको ट्रस्ट ने आमंत्रित किया है।
अयोध्या [नवनीत श्रीवास्तव]। रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के लिए आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए लोग किस तरह उत्सुक हैं, यह जानना हो तो यहां के निवासी पद्मश्री के लिए चयनित मोहम्मद शरीफ से मिलें। साइकिल मिस्त्री शरीफ चचा को राममंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला है। उनको ट्रस्ट ने आमंत्रित किया है।
अब वह पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं। वह कहते हैं कि मेरे के लिए ङ्क्षहदू-मुस्लिम में कोई फर्क नहीं है, इसलिए भूमि पूजन में शामिल होने से कोई परहेज नहीं। वह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री ने मुझे पद्मश्री के लिए चयनित कर जीवन का सबसे बड़ा सम्मान दिया है। वह यहां आ रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से उनसे मिलने की बेहद इच्छा है।
पद्मश्री के लिए उनका चयन इसी वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर किया गया था। अब हजारों लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके शरीफ चचा 80 वर्ष की उम्र में भी अपनी प्रतिज्ञा को उसी हौसले और जुनून से निभाते चले आ रहे हैं। कहते हैं, जब तक सांस हैं, अपनी कसम निभाता रहूंगा। वे कहते हैं, जो कुछ मिला सब अयोध्यावासियों की शुभकामनाओं की देन है।
खिड़की अली बेग निवासी मो. शरीफ पेशे से साइकिल मिस्त्री हैं। उनके चार बेटों में से दो की मौत हो चुकी है, जिसमें एक मोहम्मद रईस भी थे। उस दुर्घटना में मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार सुल्तानपुर जिले में लावारिस के रूप में हुआ था। करीब एक माह बाद उन्हेें पुत्र रईस की मौत और अंतिम संस्कार की जानकारी मिल सकी थी। इसी के बाद उन्होंने किसी भी लावारिस का अंतिम संस्कार करने की शपथ ली थी। वह मानवता की सेवा के ऐसे पथ पर चल पड़े, जो न सिर्फ नजीर, बल्कि औरों के लिए प्रेरणा भी बनी। उनकी बेहद इच्छा है कि यहां प्रधानमंत्री से उनकी भेंट हों।