शिक्षक विधायक चुनाव : जीतने के बाद बरेली में बीजेपी शिक्षक विधायक बोले, जीत बड़ी हुई है इसलिेए जिम्मेदारी भी बड़ी है

दैनिक जागरण से खास बातचीत करते हुए भाजपा के डॉ. हरी सिंह ढिल्लो ने दावा किया कि वित्तविहीन शिक्षकों के 70 फीसद वोट मुझे मिले। अब बड़ी जीत हुई तो अपने साथ बड़ी जिम्मेदारी भी लाई है। जनमत मिला है जोकि ऐतिहासिक है।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 08:55 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 04:49 PM (IST)
शिक्षक विधायक चुनाव : जीतने के बाद बरेली में बीजेपी शिक्षक विधायक बोले, जीत बड़ी हुई है इसलिेए जिम्मेदारी भी बड़ी है
एक तरफा मिले वोट एहसास कराते हैं कि जिम्मेदारी बहुत बड़ी है।

 बरेली, जेेएनएन। भाजपा ने पहली बार इस चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारा था। बीजेपी की टक्कर समाजवादी पार्टी के पूर्व शिक्षक एमएलसी डॉ. संजय मिश्रा (शाहजहांपुर) से था। इस चुनाव का इतिहास रहा है कि शिक्षक गुटों से जुड़े प्रत्याशी ही जीतते आए है । डॉ. संजय माध्यमिक वित्तविहीन प्रधानाचार्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षक महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। इसलिए वित्त विहीन और हायर बोर्ड के शिक्षकों के नए मतों पर अपने-अपने दांवे रहे। लेकिन वोट, भाजपा के पाले में ही गिरे।

दैनिक जागरण से खास बातचीत करते हुए भाजपा के डॉ. हरी सिंह ढिल्लो ने दावा किया कि वित्तविहीन शिक्षकों के 70 फीसद वोट मुझे मिले। अब बड़ी जीत हुई तो अपने साथ बड़ी जिम्मेदारी भी लाई है। जनमत मिला है, जोकि ऐतिहासिक है। एक तरफा मिले वोट एहसास कराते हैं कि जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। उन्हाेंने कहा कि बड़े लक्ष्य को भेदने के बाद भरोसा दिलाता हूं कि वित्त पोषित, सीबीएसई, हायर बोर्ड की समस्या निष्पक्षता के साथ खत्म की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्या एक सी नहीं है। सीबीएसई संबद्धता दिल्ली बोर्ड से लेने के साथ स्थानीय बीएसए की एनओसी लेनी होती है। इसका कोई औचित्य नहीं। भ्रष्टाचार पनपता है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में वित्तविहीन शिक्षकों को आठ से नौ सौ रुपये का मानदेय देकर मजाक किया गया। भाजपा की सरकार आने पर गुमराह किया गया कि भाजपा ने शासनादेश जारी करके मानदेय खत्म किया। पिछली सरकार की तरह हम धोखा नहीं देंगे। कोशिश करेंगे कि ठोस निराकरण हो। वेतनमान दो हजार से पांच हजार तक बढ़वाने का प्रयास होगा। नीतिगत बदलाव और पाददर्शिता लानी है।

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