येदियुरप्पा ने अपने कुछ मंत्रियों के विभागों में किया फेरबदल, राजनीतिक दबाव का नतीजा !
10 नए मंत्रियों को विभाग आवंटित करने के अगले ही दिन करना पड़ा फेरबदल। मुख्यमंत्री के इस कदम को माना जा रहा राजनीतिक दबाव का नतीजा
बेंगलुरु, प्रेट्र। 10 नए मंत्रियों को विभाग आवंटित करने के अगले ही दिन मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उनमें से कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया। येदियुरप्पा के इस कदम को राजनीतिक दबाव का नतीजा माना जा रहा है। राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आनंद सिंह को अब पर्यावरण, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग का प्रभार सौंपा गया है। पहले उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का विभाग दिया गया था। बीसी पाटिल को कृषि विभाग आवंटित किया गया है। पहले उन्हें वन विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। गृह मंत्री बासवराज बोम्मई के पास पहले कृषि विभाग का अतिरिक्त प्रभार था।
येदियुरप्पा ने के गोपालैया से लघु उद्योग विभाग वापस ले लिया है और उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग आवंटित किया है। गोपालैया के पास चीनी विभाग का जो अतिरिक्त प्रभार था, उसे अब श्रम मंत्री ए शिवराम हेब्बार को दिया गया है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, सिंह, पाटिल और गोपालैया अपने विभागों से नाखुश थे और उन्होंने मुख्यमंत्री पर विभागों में फेरबदल करने का दबाव डाला। हालांकि, उन्होंने ऊर्जा और बेंगलुरु विकास जैसे अहम विभागों की मांग की थी, लेकिन येदियुरप्पा ने उन्हें ये विभाग नहीं दिए, क्योंकि इससे पार्टी के अंदर मतभेद पैदा होता। पार्टी के कई नेताओं और मंत्रियों की नजर इन अहम विभागों पर है। ये विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री के पास हैं।
मंगलवार के फेरबदल में जो अन्य छोटे बदलाव किए गए हैं, उनके तहत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जो पहले पशुपालन, हज और वक्फ विभाग के मंत्री प्रभु चौहान के पास था, अब कपड़ा मंत्री श्रीमंत पाटिल को दे दिया गया है। इसी तरह खान एवं भूगर्भ विज्ञान मंत्री सीसी पाटिल से पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग ले लिया गया है और आनंद सिंह को वन विभाग के साथ यह विभाग भी दे दिया गया है। येदियुरप्पा ने छह फरवरी को पिछले साल दिसंबर में विधानसभा उपचुनाव जीतने वाले 11 में से 10 विधायकों को मंत्री बनाकर अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। उससे पहले वे विधायक कांग्रेस और जदएस से अलग हुए थे।