शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को सदन में मौजूद रहने की दी हिदायत

पीएम मोदी ने सख्त लहजे में कहा कि सामान्य दिनों में मंत्रियों की मौजूदगी कितनी कम होती होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 12:39 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 07:13 AM (IST)
शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को सदन में मौजूद रहने की दी हिदायत
शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को सदन में मौजूद रहने की दी हिदायत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद में गैरमौजूदगी को लेकर भाजपा सांसदों से कई बार अपनी नाराजगी जता चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब मंत्रियों को भी आगाह कर दिया है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि लोकसभा में जब उनके नाम से प्रश्न अंकित था तब भी सदन से अधिकतर मंत्री गायब थे। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सामान्य दिनों में मंत्रियों की मौजूदगी कितनी कम होती होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

दरअसल बुधवार को लोकसभा में कुछ प्रश्न प्रधानमंत्री से पूछे गए थे। सवालों का जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की ओर से दिया गया, आमतौर पर यही परंपरा भी रही है। लेकिन उस समय सदन में स्वयं प्रधानमंत्री भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने इसी संदर्भ का हवाला देते हुए कहा कि उस वक्त लोकसभा में मंत्रियों की संख्या बहुत कम थी।

अनिवार्य रूप से संसद में मौजूद रहने का किया इशारा

सूत्र बताते हैं कि उन्होंने मंत्रियों से पूछा कि वह अपनी प्राथमिकताएं किस तरह तय करते हैं। क्या सदन की कार्यवाही को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए? उन्होंने खास तौर से प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों की संसद में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने की ओर इशारा किया। उनकी इस हिदायत का तत्काल असर भी दिखा और गुरुवार को सदन में मंत्रियों की अच्छी खासी संख्या मौजूद थी।

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रश्नकाल संसदीय कार्यवाही का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार को इसके माध्यम से लोक हित में लिए गए अपने विभिन्न फैसलों को रखने का मौका मिलता है।

संसदीय समिति की बैठकों में सांसदों से मौजूद रहने को कहेंगे सभापति

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू सभी पार्टियों के फ्लोर लीडरों से संसदीय समितियों की बैठकों में अपने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए कहेंगे। यदि लगातार दो बैठकों में सदस्य बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहते हैं तो उन्हें समिति से हटाया जा सकता है। यह जानकारी गुरुवार को सूत्रों ने दी।

दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर शहरी विकास पर संसद की स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक में केवल चार सदस्य मौजूद थे। सभापति ने इसे गंभीरता से लिया है। वह यह सुनिश्चित कराना चाहते हैं कि सदस्य समितियों को गंभीरता से लें। राज्यसभा सचिवालय के सूत्र ने कहा कि यदि कोई सदस्य संसदीय समिति की बैठक में भाग नहीं लेता है तो उसे समिति से हटाया जा सकता है।

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