कांग्रेस तोड़ने का इरादा नहीं, उसे मजबूत करने निकले हैं हम: विवेक तन्खा

पिछले साल अगस्त में कांग्रेस के लगातार खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के शीर्ष 23 नेताओं ने पार्टी स्तर पर पत्र लिखा था। पत्र लिखने वाले इन्हीं नेताओं को ग्रुप-23 (जी-23) कहा गया। जम्मू में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सभी को आमंत्रित किया है।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:59 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:59 PM (IST)
कांग्रेस तोड़ने का इरादा नहीं, उसे मजबूत करने निकले हैं हम: विवेक तन्खा
कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। हम लोग महात्मा गांधी के आदर्शों पर चल रहे हैं। हम गांधी वारियर्स हैं। जैसा राजबब्बर जी ने कहा कि जी-23 में गांधीवादी लोग हैं। हम लोगों का इरादा कांग्रेस को तोड़ने-फोड़ने का नहीं है। हम लोग कांग्रेस को मजबूत करने निकले हैं। कपिल सिब्बल जी ने भी कहा कि कांग्रेस कमजोर होती दिख रही है इसलिए हमारा दायित्य बनता है कि हम लोग कांग्रेस को मजबूती दें। हम लोगों में लड़ने की क्षमता है। हमारा इरादा कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का नहीं है।

उक्त बातें कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' से विशेष चर्चा में कहीं। उन्होंने खुलकर कहा कि जो लोग हमारे प्रयासों को अनुशासनहीनता बता रहे हैं, वे समझदार होते तो ऐसी बात नहीं करते।

ज्ञात हो कि पिछले साल अगस्त में कांग्रेस के लगातार खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के शीर्ष 23 नेताओं ने पार्टी स्तर पर पत्र लिखा था। पत्र लिखने वाले इन्हीं नेताओं को ग्रुप-23 (जी-23) कहा गया। इस ग्रुप के देशव्यापी आंदोलन के लिए जम्मू में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सभी को आमंत्रित किया है।

क्या कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ जो नेता हैं, वे असली कांग्रेसी नहीं हैं? इसके जवाब में तन्खा ने कहा कि न कोई असली है न कोई नकली। वे भी कांग्रेस हैं, हम भी कांग्रेस हैं। पर हमें कांग्रेस को मजबूत करना है। यदि हम कांग्रेस को मजबूत नहीं करते हैं तो देश का प्रजातंत्र खत्म हो जाएगा। हम प्रयास कर रहे हैं कि विपक्ष खड़ा हो।

कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव के सवाल पर तन्खा ने कहा कि नेतृत्व के मुद्दे पर जी-23 ने कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ता तय करते हैं कि नेतृत्व कौन करेगा। हम लोग तो नेतृत्व को मजबूत करना चाहते हैं। हम साथ बैठकर विचार-विमर्श करना चाहते हैं।

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