वीरप्पा मोइली ने बनाई जी-23 की बैठक से दूरी, कहा- हम इसका हिस्सा नहीं

राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए जी-23 के कुछ नेताओं द्वारा शनिवार को जम्मू में की गई रैली का हवाला देते हुए मोइली ने कहा कि असंतुष्टों के तौर पर इसका अर्थ लगाना गलत है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 07:58 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 07:58 AM (IST)
वीरप्पा मोइली ने बनाई जी-23 की बैठक से दूरी, कहा- हम इसका हिस्सा नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने राहुल के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने का समर्थन किया।

बेंगलुरु, प्रेट्र। जम्मू में हुई जी-23 नेताओं की बैठक से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने सोमवार को पार्टी के अंदरूनी मतभेद सार्वजनिक होने पर चिंता जाहिर करते हुए राहुल गांधी के फिर से पार्टी प्रमुख बनने का समर्थन किया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली पार्टी के उन 23 नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पिछले वर्ष अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर 'पूर्णकालिक' और 'नजर आने वाला' नेतृत्व सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। सब से इन नेताओं को जी-23 के नाम से जाना जा रहा है।

राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए जी-23 के कुछ नेताओं द्वारा शनिवार को जम्मू में की गई रैली का हवाला देते हुए मोइली ने कहा कि असंतुष्टों के तौर पर इसका अर्थ लगाना गलत है। उन्होंने कहा कि यह असंतुष्टों की बैठक नहीं है। हम (जी-23 के कुछ नेता) इसका हिस्सा नहीं हैं।

सार्वजनिक तौर पर असंतोष दिखाते हुए गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल जैसे नेता शनिवार को जम्मू में एक मंच पर आए और कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है। हम लोग इसे मजबूत करने के लिए साथ आए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके मोइली ने कहा कि अगस्त में भेजे गए पत्र का मकसद पार्टी में सुधार करना और संगठनात्मक चुनाव कराना था।

उन्होंने कहा, यह सोनिया गांधी, राहुल गांधी के नेतृत्व के खिलाफ नहीं था। हम सब नेतृत्व के साथ हैं। हम कांग्रेस के साथ हैं। हम उनके अध्यक्ष बनने के खिलाफ नहीं हैं।

मोइली ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने संगठन में बदलाव करने और चुनाव कराने का वादा किया था। अगस्त में पत्र पर हस्ताक्षर करने पर किसी तरह का पछतावा होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि हमें पछतावा है।

राहुल गांधी के फिर से अध्यक्ष बनने की पार्टी में बढ़ती मांग पर मोइली ने कहा, हम भी चाहते हैं कि वह पद पर वापस आएं, क्योंकि सोनिया का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। कुछ कांग्रेसी नेताओं द्वारा कांग्रेस को कमजोर बताने पर मोइली ने कहा कि जब कांग्रेस जीतना शुरू करेगी तो भाजपा कमजोर लगेगी।

chat bot
आपका साथी