भारत बंद पर केंद्रीय मंत्री ने ली चुटकी, बोले- विश्व पर्यटन दिवस पर केरल में स्वागत, लेकिन...

आज विश्व पर्यटन दिवस है और हम दुनियाभर से लोगों को केरल आमंत्रित करते हैं लेकिन आज वे बाहर नहीं जा पाएंगे। क्योंकि किसानों द्वारा पूरे देश में भारत बंद के चलते जाम में फंस जाएंगे। बता दें कि पर्यटन दिवस पर किसानों आज भारत बंद बुलाया है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 02:33 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 02:33 PM (IST)
भारत बंद पर केंद्रीय मंत्री ने ली चुटकी, बोले- विश्व पर्यटन दिवस पर केरल में स्वागत, लेकिन...
भारत बंद पर केंद्रीय मंत्री ने ली चुटकी, बोले- विश्व पर्यटन दिवस पर केरल में स्वागत, लेकिन...

नई दिल्ली, एएनआइ। World Tourism Day 2021: विश्व पर्यटन दिवस पर किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ आज भारत बंद बुलाया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री वी.मुरलीधरन ने भारत बंद को लेकर चुटकी ली है। उन्होंने कहा,' आज विश्व पर्यटन दिवस है और हम दुनियाभर से लोगों को केरल आमंत्रित करते हैं, लेकिन आज वे बाहर नहीं जा पाएंगे। क्योंकि किसानों द्वारा पूरे देश में भारत बंद के चलते जाम में फंस जाएंगे।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सीपीएम को समझना चाहिए कि हड़ताल और बंद के दिन खत्म हो गए हैं।

केरल में नहीं है मंडियां फिर क्यों यहां के लोगों को यातना दी जा रही

इसके साथ ही उन्होंने कहा,' हम स्वतंत्र भारत में हैं, जहां युवा विकास की आकांक्षा रखते हैं और हमें उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने क लिए कार्य कर रहे हैं।' आगे उन्होंने कहा कि रोजगार पैदा करने के लिए पर्यटन, केरल में मुख्य उद्योग है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो कृषि कानून बनाए गए हैं, उनका केरल से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि केरल में मंडियां नहीं हैं। फिर केरल के लोगों को बेवजह यातना क्यों दी जाती है? यह राजनीति से प्रेरित मोदी विरोधी प्रदर्शन है। बता दें कि आज भारत बंद के चलते पूरे देश में प्रभाव देखने को मिला है।

कांग्रेस ने भारत बंद का किया समर्थन

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा आज किए जा रहे भारत बंद का दिल्ली कांग्रेस ने समर्थन किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर करीब 300 दिनों से दिल्ली की सीमा पर धरना चल रहा है। धरने के दौरान सैकड़ों किसानों की मौत हो गई है, लेकिन मोदी सरकार ने इस मामले पर किसानों के साथ चर्चा करने की भी जहमत नहीं उठाई और न ही उनकी दुर्दशा पर दया की।

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