व्यापार विवादों और S 400 पर बोले माइक पोम्पियो, भारत को लेकर कही ये बड़ी बात

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और विदेश मंत्री एस जयशंकर दिल्ली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे हैं। पोम्पियो ने कहा मुझें पता है कि हम एक साथ काम कर सकते हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 26 Jun 2019 10:27 AM (IST) Updated:Wed, 26 Jun 2019 04:18 PM (IST)
व्यापार विवादों और S 400 पर बोले माइक पोम्पियो, भारत को लेकर कही ये बड़ी बात
व्यापार विवादों और S 400 पर बोले माइक पोम्पियो, भारत को लेकर कही ये बड़ी बात

नई दिल्ली, एएनआइ। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की। फिलहाल, पोम्पियो और विदेश मंत्री एस जयशंकर दिल्ली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'व्यापार विवादों और एस -400' पर पोम्पियो ने कहा कि मुझे कभी भी कोई साथी नहीं मिला, चाहे वह कितना ही करीबी क्यों न हो, हमारे पास ऐसी जगह नहीं है जहां हम चीजों के माध्यम से काम कर सकें। हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि हमारे देश अपने लिए सुरक्षा प्रदान कर सके। हम चाहते हैं कि भारत भी ऐसा करने में सक्षम हो।

पोम्पियो ने आगे कहा कि मैं दो मुद्दों को अवसरों के रूप में देखता हूं। मुझें पता है कि हम एक साथ काम कर सकते हैं और अपने रिश्ते की नींव प्रदान कर सकते हैं।

  

इस दौरान पोम्पियो ने कहा कि हम एक-दूसरे को न केवल द्विपक्षीय साझेदारों के रूप में देख सकते हैं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा देखते हैं, ताकि हम दुनिया भर में एक-दूसरे की मदद कर सकें। CAATSA मुद्दे पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि हमारे कई देशों के साथ रिश्ते हैं, उनमें से कई के अपने विचार हैं। उनका एक इतिहास है। हम वही करेंगे जो हमारे राष्ट्रीय हित में है।

यूएस ईरान तनाव पर बोले जयशंकर
'यूएस-ईरान तनाव' पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने खाड़ी में स्थिति पर चर्चा की। मैंने पोम्पेओ के साथ अपने हितों और चिंताओं को भी साझा किया। उन्होंने आगे कहा कि ईरान के बारे में हमारा एक निश्चित दृष्टिकोण है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने मेरे साथ ईरान पर अमेरिका की चिंताओं को साझा किया। हम दोनों निश्चित रूप से उस संबंध में एक-दूसरे की चिंताओं के बारे में बेहतर ढंग से जानते थे।

एस जयशंकर ने आगे कहा कि मैंने यह साफ कर दिया है कि इंडो-पैसिफिक किसी के खिलाफ नहीं है। वह शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के लिए है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा अमेरिका-भारत की साझेदारी पहले ही नई ऊंचाइयों पर पहुंचने लगी है, हमने अपने रक्षा सहयोग को मजबूत किया है।  हमने ऊर्जा, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है।

 

बुधवार सुबह एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात करने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने जवाहर लाल नेहरू भवन में विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM Subrahmanyam Jaishankar) से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच एस 400 मिसाइल और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

#WATCH: US Secretary of State Mike Pompeo meets EAM Subrahmanyam Jaishankar at Jawaharlal Nehru Bhawan, Ministry Of External Affairs. #Delhi. pic.twitter.com/zfulw60phk — ANI (@ANI) June 26, 2019

भारत-अमेरिका के बीच अहम मुद्दे
- एस 400 मिसाइल सिस्टम
- ईरान से तेल खरीदना
- H-1 वीज़ा के नियम
- आतंकवाद

इससे पहले माइक पोम्पियो ने साउथ ब्लॉक में एनएसए (National Security Adviser) अजीत डोभाल से भी मुलाकात की। पोम्पियो 28 जून को ओसाका में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और डॉनल्ड ट्रंप के बीच होने वाली बैठक को लेकर चर्चा की।

#WATCH: US Secretary of State Mike Pompeo and NSA Ajit Doval reach South Block in Delhi for a meeting. (Earlier visuals) pic.twitter.com/QoNqBZx4kl— ANI (@ANI) June 26, 2019

मंगलवार देर रात माइक पोम्पियो भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचे। आज पोम्पियो ने सबसे पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की है। इस दौरान पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद रहे।

#WATCH Delhi: US Secretary of State Mike Pompeo meets Prime Minister Narendra Modi. The US Secretary of State is on a visit to India from June 25-27. pic.twitter.com/NS7fUvEDe6— ANI (@ANI) June 26, 2019

सत्ता में मोदी सरकार की वापसी के बाद अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों को लेकर काफी कयास लगाये जा रहे हैं। एक तरफ तो दोनो देशों के बीच काफी गहरे ताल्लुक की संभावना जताई जा रही है तो दूसरी तरफ कारोबारी क्षेत्र में कई तरह के नए विवाद सिर उठा रहे हैं। अमेरिका और ईरान के बीच तनावपूर्ण हालात है। अमेरिका चाहता है कि भारत ईरान से तेल न खरीदे। इसके अलावा अमेरिका रूस से खरीदे जा रहे भारी भरकम रक्षा सौदे से भी नाराज है।

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