डेढ़ लाख गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने की तैयारी, मप्र ने बनाई अब तक सबसे ज्यादा सड़कें
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीसरे चरण में कुल सवा लाख किमी लंबाई की सड़कों के निर्माण किया जाएगा।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ग्रामीण सड़कों के निर्माण की गति बढ़ाकर न सिर्फ पहले चरण की सड़कों के लक्ष्य को निर्धारित समय में पूरा किया जाएगा, बल्कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तीसरे चरण की शुरुआत जल्दी ही कर दी जाएगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीसरे चरण में कुल सवा लाख किमी लंबाई की सड़कों के निर्माण किया जाएगा। जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगभग साढ़े पांच हजार किमी लंबाई की पक्की सड़क निर्माण का प्रस्ताव है।
केंद्रीय मंत्री तोमर मंगलवार को यहां आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने मंत्रालय के कामकाज पर संतोष जताते हुए कहा कि जहां पहले मात्र 74 किमी सड़कें रोजाना बनाई जाती थी, उसे बढ़ाकर 134 किमी रोजाना कर दिया गया है। इस रफ्तार से पीएमजीएसवाई के पहले चरण के बकाया कार्य को भी पुनर्निधारित समय में पूरा कर लिया जाएगा। तोमर ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की चुटकी लेने के अंदाज में कहा कि पीएमजीएसवाई के पहले चरण को 2008 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए था। लेकिन उसकी हालत खस्ता हो गई थी, जिसे अब तक भी पूरा नहीं किया जा सका है। उसे पूरा करने की नई तारीख मुकर्रर कर दी गई है।
ग्रामीण योजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों को केंद्र सरकार ने पुरस्कारों से नवाजा है। इस मौके पर तोमर ने कहा कि योजनाओं को पूरा करने के लिए राज्यों के बीच जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा हुई है। सभी राज्यों की मेहनत का नतीजा बेहतर रहा है। मनरेगा पर उठने वाले सवालों के बारे में तोमर ने कहा कि कभी यह योजना भ्रष्टाचार की पर्याय हो चुकी थी। लेकिन अब मंत्रालय की कड़ी मेहनत से इसमें पारदर्शिता बढ़ी है। कराये जाने वाले तीन करोड़ कार्यो की जिओ टैगिंग की गई है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश जैसे राज्य ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत सबसे ज्यादा सड़कें बनाई हैं। सड़कों के निर्माण में राज्य सरकार ने एक नायाब कार्य भी किया है, जिसके तहत ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके सबसे ज्यादा सड़कों का निर्माण किया है।