केंद्रीय मंत्री सुरेश सी. अंगडी के निधन पर केंद्रीय कैबिनेट ने जताया शोक, रखा गया दो मिनट का मौन

केंद्रीय राज्य रेल मंत्री सुरेश सी अंगडी की 11 सितंबर को COVID-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और कल उनकी मृत्यु हो गई। मंत्री के निधन पर केंद्रीय कैबिनेट ने उन्हें याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा।

By Neel RajputEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 02:08 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 02:08 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री सुरेश सी. अंगडी के निधन पर केंद्रीय कैबिनेट ने जताया शोक, रखा गया दो मिनट का मौन
केंद्रीय मंत्री सुरेश सी. अंडगी का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया था

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को केंद्रीय राज्य रेल मंत्री सुरेश सी. अंगड़ी (Suresh C Angadi) के निधन पर गहरा शोक जताया। इस दौरान मंत्री को याद करते हुए कैबिनट ने दो मिनट का मौन भी रखा। बता दें, कि बुधवार को अंगड़ी का निधन हो गया था। वो कोरोना से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। 11 सितंबर को उनकी COVID-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और कल उनकी मृत्यु हो गई।

केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'केंद्रीय राज्य रेल मंत्री सुरेश सी अंगड़ी के निधन पर  कैबिनेट गहरा दुख व्यकत करती है। उनकी मौत से राष्ट्र ने एक प्रख्यात नेता, एक शिक्षाविद, प्रतिष्ठित सांसद और एक योग्य प्रशासनिक को खो दिया है।' बयान में आगे कहा गया है कि कैबिनट, सरकार और पूरे राष्ट्र की तरफ से मंत्री के परिवार को संवेदनाएं प्रकट करती है।

वहीं, कर्नाटक सरकार ने अंगड़ी के सम्मान में गुरुवार को एक दिन के शोक की घोषणा की है। एक सरकारी आदेश जारी कर कहा गया कि इस दौरान कोई मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे और सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुका रहेगा।

सुरेश सी अंगड़ी का जन्म एक जून, 1955 को कर्नाटक के बेलगावी जिले के केके कोप्पा गांव में हुआ था। अंगड़ी ने बेलागवी के एसएसएस समिति कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने बेलगावी के ही राजा लखमगोडा लॉ कॉलेज से अपनी लॉ की डिग्री हासिल की। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद, 1996 में वो भाजपा की बेलगावी इकाई के वाइस प्रेसिडेंट बने। इसके बाद 2001 में उन्हें बेलगावी डिस्ट्रिक्ट यूनिट का प्रेसिडेंट बनाया गया। साल 2004 में वो बेलगावी लोक सभा सीट से सांसद चुने गए। उन्होंने भारी मतों से यह जीत हासिल की थी और 14वीं लोक सभा के सदस्य बने। इसके बाद फिर से इसी सीट से वो 2009, 2014 और 2019 में लोक सभा सांसद चुने गए। 2019 में उन्हें केंद्रीय राज्य रेल मंत्री का पद दिया गया।

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