रेल साइड वेयरहाऊस के सीडब्लूसी में विलय को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी, जानें क्‍या होगा लाभ

सेंट्रल रेल साइड वेयर हाउस कंपनी के सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन (सीडब्लूसी) के साथ विलय के प्रस्ताव को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी। सरकार के इस फैसले से दोनों कंपनियों की वेयरहाउसिंग हैंडलिंग और परिवहन जैसे कार्य का संचालन एक ही जगह से होने लगेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:56 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:37 PM (IST)
रेल साइड वेयरहाऊस के सीडब्लूसी में विलय को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी, जानें क्‍या होगा लाभ
सेंट्रल रेल साइड वेयर हाउस कंपनी के सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन (सीडब्लूसी) के साथ विलय को मंजूरी मिल गई है।

नई दिल्ली, जेएनएन। सेंट्रल रेल साइड वेयर हाउस कंपनी के सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन (सीडब्लूसी) के साथ विलय के प्रस्ताव को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी। सरकार के इस फैसले से दोनों कंपनियों की वेयरहाउसिंग, हैंडलिंग और परिवहन जैसे कार्य का संचालन एक ही जगह से होने लगेगा। इससे रेलवे के गोदामों में दक्षता, अधिकतम क्षमता उपयोग, पारदर्शिता, पूंजी प्रवाह और रोजगार सृजन के अवसर प्राप्त होंगे। विलय से सरकार की 'न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन' की मंशा उजागर होती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में फैसले के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले से कारपोरेट कार्यालय के किराए, कर्मचारियों के वेतन और अन्य प्रशासनिक खर्च में बचत होने से रेल साइड वेयरहाउस कांप्लेक्स के प्रबंधन व्यय में पांच करोड़ रुपए तक की कमी का अनुमान लगाया गया है।

विलय की इस प्रक्रिया के पूरा होने से माल गोदाम स्थलों के पास कम से कम 50 और रेल साइड गोदामों को स्थापित करने की सुविधा मिलेगी। इससे कुशल कामगारों के लिए 36,500 और अकुशल कामगारों के लिए 9,12,500 श्रम दिवसों के बराबर रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। इस विलय की प्रक्रिया अगले आठ महीने में पूरी होने की उम्मीद है।

सीडब्लूसी सरकार की एक मिनी रत्न श्रेणी की कंपनी है। इसकी स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी। लाभ कमाने वाली यह कंपनी कृषि उपज व अन्य वस्तुओं का भंडारण करती है, जिसकी कुल पूंजी एक सौ करोड़ रुपये है।

कंपनी ने वर्ष 2007 में सेंट्रल रेल साइड वेयरहाउस कंपनी लिमिटेड (सीआरडब्लूसी) नाम की एक अलग सहायक कंपनी का गठन किया, जो रेलवे से पट्टे पर ली गई थी। यह कंपनी रेलवे ट्रैक के पास रेलवे की अधिग्रहित भूमि पर रेल साइड गोदाम बना रही थी। सीआरडब्लूसी 50 स्थायी कर्मचारियों और 48 आउटसोर्स कर्मचारियों वाला छोटा संगठन है, जो देशभर में 20 रेल साइड वेयरहाउस संचालित करती है। 

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