संसद का मानसून सत्र जारी: पहली बार आज पूरा चला लोकसभा का प्रश्नकाल

संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है जब पहली बार लोकसभा में प्रश्नकाल बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ। इस दौरान पूछे गए सवालों का रेल मंंत्री अश्विनी वैष्णव कोयला मंत्री समेत अन्य मंत्रियों ने जवाब दिए।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 02:02 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 02:02 PM (IST)
संसद का मानसून सत्र जारी: पहली बार आज पूरा चला लोकसभा का प्रश्नकाल
संसद का मानसून सत्र जारी: पहली बार आज पूरा चला लोकसभा का प्रश्नकाल

नई दिल्ली, एजेंसी। संसद के मानसून सत्र में बुधवार को सातवें दिन भी विपक्ष के हंगामे कारण कार्यवाही बाधित है हालांकि आज सदन में प्रश्नकाल पूरा चला जो इस सत्र में पहली बार हुआ है। बता दें कि मानसून सत्र के छठे दिन मंगलवार को सदन में रुक-रुक कर काम हुआ। विपक्ष के हंगामे की वजह से बार-बार स्थगन के कारण न किसी विधेयक पर चर्चा हुई, न ही प्रश्नकाल पूरा चल पाया।

आज प्रश्नकाल में रेल मंत्री समेत अन्य मंत्रियों ने पूछे गए सवालों का विस्तार से जवाब दिया। प्रश्नकाल के दौरान रेलवे अंडरपास, गुजरात में रेलवे नेटवर्क और कालीकट रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन पर सदस्यों द्वारा पूछे गए सवाल का रेल मेंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया। इसके अलावा 'शक्ति पॉलिसी' पर प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने जवाब दिया। वहीं किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने भी लोक अदालत पर पूछे गए प्रश्न का जवाब दिया। प्रश्नकाल के दौरान 'शक्ति पॉलिसी', कोयला सेक्टर में सुधारों पर पूछे गए प्रश्न का जवाब प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने दिया। वहीं भूमि मुद्रीकरण नीति पर अजय भट्ट ने भी अपने जवाब प्रस्तुत किए।

राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सदन में 'COVID BEEP' में सदस्यों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दिया। उन्होंने बताया, 'कोविड महामारी के दौरान देश में कई नई पहल पर जोर दिया गया। पीपीई किट और वेंटिलेटर का उत्पादन शुरू किया गया, पीपीई किट को स्टरलाइज करने की नई प्रक्रिया खोजी गई है।' कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'दुनिया का चौथा बड़ा कोयला भंडार भारत में है। भारत में 79 मिलियन टन कोयला रिजर्व है। पर्याप्त मात्रा में कोयला रहने पर भी यूपीए सरकार की गलत नीतियों के कारण बड़ी मात्रा में आयात होता था।'

भाजपा नेता जुगल किशोर शर्मा ने सदन में कोविड के कारण कामों की गति धीमी होने का मुद्दा उठाया जिसके बाद सदन में सांसदों ने कागजात फेंकने शुरू कर दिए।

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