New Draft Indian Ports Bill 2021 को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने 9 राज्यों के CM को लिखा पत्र

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन ने देश के 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न्यू ड्राफ्ट इंडियन पोर्ट बिल 2021(New Draft Indian Ports Bill 2021) को पत्र लिखा है। यह राज्य गुजरात महाराष्ट्र गोवा कर्नाटक केरल आंध्र प्रदेश ओडिशा पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 01:46 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 01:46 PM (IST)
New Draft Indian Ports Bill 2021 को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने 9 राज्यों के CM को लिखा पत्र
New Draft Indian Ports Bill 2021 को लेकर तमिलानाडु के मुख्यमंत्री ने 9 राज्यों के CM को लिखा पत्र

चेन्नई, एएनआइ। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन ने देश के 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न्यू ड्राफ्ट इंडियन पोर्ट बिल 2021(New Draft Indian Ports Bill 2021) को पत्र लिखा है। यह राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी है। सभी मुख्यमंत्रियों कों पत्र लिखते हुए सीएम ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पहले से ही राज्यों में निहित शक्तियों को कम करने के किसी भी कदम को रोकने के लिए संयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए।

बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने न्यू ड्राफ्ट इंडियन पोर्ट्स बिल 2021 का विरोध किया है। इसके संदर्भ में मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने 9 राज्यों के सीएम को पत्र लिखकर प्रस्ताव पर आपत्ति मांगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने छोटे बंदरगाहों के मौजूदा प्रबंधन मॉडल को संशोधित करने के लिए मसौदा विधेयक तैयार किया है और इस पर चर्चा के लिए 24 जून को राज्य मंत्रियों के साथ समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) की बैठक बुलाई गई है।

मौजूदा भारतीय बंदरगाह अधिनियम, 1908 के अनुसार, छोटे बंदरगाहों की योजना बनाने, विकसित करने, विनियमित करने और नियंत्रित करने की शक्तियां संबंधित राज्य सरकारों के पास हैं, लेकिन नवीनतम मसौदे में इसे बदलने और इनमें से कई शक्तियों को एमएसडीसी को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही पत्र में लिखा कि वर्तमान में राज्य सरकारों द्वारा प्रयोग की जाने वाली कई शक्तियां केंद्र सरकार द्वारा अपने हाथ में ले ली जाएंगी। साथ ही कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मौजूदा व्यवस्था से राज्यों के अधीन छोटे बंदरगाहों का अच्छा विकास हुआ है।

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