सबरीमाला विवाद: SC याचिकाओं पर करेगा सुनवाई, 22 जनवरी को लगेगी ओपन कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट 49 पुनर्विचार याचिकाओं पर करेगा सुनवाई, 16 नवंबर को मंदिर के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोले जाएंगे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 04:40 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 09:20 PM (IST)
सबरीमाला विवाद: SC याचिकाओं पर करेगा सुनवाई, 22 जनवरी को लगेगी ओपन कोर्ट
सबरीमाला विवाद: SC याचिकाओं पर करेगा सुनवाई, 22 जनवरी को लगेगी ओपन कोर्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। सबरीमाला मंदिर विवाद मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट अब तैयार हो गया है कोर्ट 22 जनवरी को 49 पुनर्विचार याचिकाओं पर ओपन कोर्ट में सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत पहले ही सभी उम्र का महिलाओं को भगवान अयप्पा के इस प्राचीन मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे चुका है, लेकिन आस्था के नाम पर केरल के हिंदू संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। इस पर जमकर राजनीति भी हो रही है। मंदिर भक्तों के लिए फिर 16 नवंबर को मंदिर के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोले जाएंगे।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर मे 10 से 50 उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक जारी रखने की मांग वाली तीन नई याचिकाओं पर सुनवाई टाली कोर्ट ने कहा कि वह सबरीमाला मंदिर के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इन पर सुनवाई करेगा।

ये है पूरा मामला
केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश वर्जित था। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकती थीं। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थीं।

इसके पीछे मान्यता थी कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं। सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं।

शिव और मोहिनी के पुत्र हैं भगवान अयप्पा
पौराणिक कथाओं के अनुसार अयप्पा को भगवान शिव और मोहिनी (विष्णु जी का एक रूप) का पुत्र माना जाता है। इनका एक नाम हरिहरपुत्र भी है। हरि यानी विष्णु और हर यानी शिव, इन्हीं दोनों भगवानों के नाम पर हरिहरपुत्र नाम पड़ा। इनके अलावा भगवान अयप्पा को अयप्पन, शास्ता, मणिकांता नाम से भी जाना जाता है। इनके दक्षिण भारत में कई मंदिर हैं उन्हीं में से एक प्रमुख मंदिर है सबरीमाला। इसे दक्षिण का तीर्थस्थल भी कहा जाता है।

राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किमी दूर स्थित है मंदिर 
यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां आने वाले श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं। जो कि भगवान को चढ़ाई जानी वाली चीज़ें, जिन्हें प्रसाद के तौर पर पुजारी घर ले जाने को देते हैं से भरी होती है। यहां मान्यता है कि तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर नैवेद्य रखकर जो भी व्यक्ति आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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