Article 370: CJI रंजन गोगोई बोले- अगर जरूरत पड़ी तो मैं जाऊंगा कश्मीर

सुप्रीम कोर्ट में आज अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान सीजेआइ रंजन गोगोई ने कहा की जरूरत पड़ी तो वे कश्मीर का दौरा करेंगे। अगली सुनवाई 30 सितंबर के होगी।

By TaniskEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 11:52 AM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 10:40 PM (IST)
Article 370: CJI रंजन गोगोई बोले- अगर जरूरत पड़ी तो मैं जाऊंगा कश्मीर
Article 370: CJI रंजन गोगोई बोले- अगर जरूरत पड़ी तो मैं जाऊंगा कश्मीर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि राष्ट्रहित और आंतरिक सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कश्मीर में सामान्य जीवन बहाल करने के लिए सभी प्रयास किये जाएं। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी तरह की संचार व्यवस्था बहाल की जाए विशेषतौर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से। ये निर्देश मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, एसए बोबडे व एस अब्दुल नजीर की पीठ ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से वहां लगे प्रतिबंधों और उससे आम जनता को हो रही परेशानियों पर सुनवाई करते हुए दिए। कोर्ट ने मामले को 30 सिंतबर को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश देते हुए सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।

शिकायत पर हाईकोर्ट से मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आम जनता के लिए जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट तक पहुंचना मुश्किल बताए जाने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच करने के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से तत्काल रिपोर्ट तलब की है। पकड़े गए नाबालिग बच्चों पर हाईकोर्ट जुविनाइल जस्टिस कमेटी के समक्ष पेश करने की वकील हुफैजा अहमदी द्वारा मांग करने पर पीठ ने कहा कि जब आप खुद कह रहे हैं कि हाईकोर्ट कमेटी के समक्ष पेश किया जाए तो आप स्वयं हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते।

अहमदी ने कहा कि हाईकोर्ट तक पहुंचना मुश्किल है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर आप जो कह रहे हैं वैसा है तो ये तो बहुत गंभीर मामला है। हम इसकी जांच करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से हालात पर तत्काल रिपोर्ट तलब की है। साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह स्वयं हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से फोन पर बात करेगे। अगर जरूरी हुआ तो वह जम्मू कश्मीर जाएंगे लेकिन ध्यान रहे कि अगर आरोप गलत हुए तो आप परिणाम भुगतने को तैयार रहें। राज्य की ओर से पेश तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू कश्मीर मे सभी कोर्ट काम कर रहे हैं।

गुलाम नबी आजाद को मिली जाने की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को कश्मीर जाने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने उन्हें दिहाड़ी मजदूरों की हालत जानने और उनसे मिलने के लिए श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग और जम्मू जाने की इजाजत दी है हालांकि यह इजाजत वहां लगे प्रतिबंधों के आधीन होगी। गुलाम नबी की ओर से कोर्ट मे कहा गया कि यात्रा के दौरान वह न तो राजनैतिक रैली करेंगे और न ही किसी तरह की राजनैतिक गतिविधि में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा उनकी याचिका में की गई अन्य मांगों पर कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब देने को कहा है।

फारुख अब्दुला पर सरकार को नोटिस
पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुला को गैरकानूनी हिरासत में रखे जाने का आरोप लगाने वाली सांसद वाइको की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में फारुख अब्दुला को पेश किये जाने की मांग की गई है। कहा गया है कि सरकार उनके बारे मे स्थिति स्पष्ट करे। हालांकि सरकार की ओर से याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि इन्हें याचिका करने का अधिकार नहीं है क्योंकि ये परिजन नहीं हैं।अब्दुला के परिजनों ने हाईकोर्ट मे याचिका दाखिल कर रखी है। युसुफ तारीगामी को वापस कश्मीर जाने की इजाजत दे दी है।

जेकेपीसी की याचिका पर सरकार को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ दाखिल जम्मू कश्मीर पीपुल्‍स  कान्फ्रेंस पार्टी की याचिका पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया और इस याचिका को भी 370 मामले में लंबित अन्य याचिकाओं के साथ संविधान पीठ में सुनवाई के लिए लिए लगाने का आदेश दिया है।

सरकार ने रखी वस्तुस्थिति
सरकार ने कोर्ट में स्थिति स्पष्ट की कि धीरे धीरे सभी प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता अनुराधा भसीन की ओर से जब जनजीवन बदहाल होने की शिकायत की गई तो पीठ ने कहा कि अगर स्थानीय दिक्कतों की बात है तो हाईकोर्ट इसमें बेहतर विचार कर सकता है। केन्द्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल और जम्मू कश्मीर की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हालात सामान्य बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी आंकड़ों सहित कोर्ट को दी गई।

वेणुगोपाल ने कहा कि 2016 में एक आतंकी मुठभेड़ में मारा गया था जिसके बाद लगभग तीन महीने तक राज्य में बंद रहा था। उसके बाद भड़की हिंसा में काफी लोग मारे गये थे जबकि अबकी बार अभी तक एक भी जान नहीं गई है। वहां सभी अखबार छप रहे हैं। मीडिया सेंटर बनाया गया है जहां सुबह आठ बजे से रात 11 बजे तक इंटरनेट चलता है। स्थानीय टीवी चैनल चल रहे हैं। तुषार मेहता कहा कि स्वास्थ्य और अन्य जरूरी सेवाओं में कोई कमी नहीं है। तीन महीने का जरूरी राशन है। कश्मीर में 105 में से 93 थानों में प्रतिबंध हटा लिए गए हैं जबकि जम्मू और लद्दाख में तो सौ फीसद प्रतिबंध हटाए जा चुके हैं।

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