सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को दी विदेश यात्रा की इजाजत, एक करोड़ रुपये जमा कराने का भी आदेश
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि संबंधित अधिकारियों ने एक हलफनामे में कहा है कि मामले की जांच में कार्ति चिदंबरम सहयोग नहीं कर रहे हैं और उन्होंने 30 जून 2021 को जारी समन का उचित जवाब भी नहीं दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को 21 नवंबर तक विदेश यात्रा की इजाजत दे दी। कार्ति के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनकी जांच केंद्रीय एजेंसियां ईडी व सीबीआइ कर रही हैं। जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि कार्ति 22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई शर्तो से बंधे होंगे और उन्हें एक करोड़ रुपये भी जमा कराने होंगे।
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि संबंधित अधिकारियों ने एक हलफनामे में कहा है कि मामले की जांच में कार्ति चिदंबरम सहयोग नहीं कर रहे हैं और उन्होंने 30 जून, 2021 को जारी समन का उचित जवाब भी नहीं दिया है। इस पर पीठ ने कहा कि उस हलफनामे को जमा कराएं और आवेदक को अगली सुनवाई से पहले अदालत में उसका जवाब देना होगा।
पीठ ने कहा, 'इस पहलू पर हलफनामा दाखिल होने और आवेदक के जवाब आने के बाद विचार किया जाएगा। तबतक हम आवेदक को उसकी प्रार्थना के अनुरूप 25 अक्टूबर से 21 नवंबर के बीच विदेश यात्रा की अनुमति देते हैं।' कोर्ट ने कहा कि आवेदन के बाकी हिस्सों पर 22 नवंबर को सुनवाई की जाएगी।
शीर्ष अदालत ने कार्ति को 22 फरवरी को एक मार्च से 23 जून के बीच विदेश यात्रा की इजाजत दी थी। कांग्रेस नेता एयरसेल-मैक्सिस डील व आइएनएक्स मीडिया से जुड़े कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं।
मार्च 2018 में कार्ति को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि मार्च 2018 में कार्ति चिदंबरम को लंदन से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद चेन्नई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। तब सीबीआइ अधिकारियों ने दावा किया था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ करना चाहते थे। इसके बाद कार्ति 22 दिन बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। वहीं, कार्ति के पिता पी. चिदंबरम भी 2019 में तिहाड़ में 100 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहे थे।