क्या फिर आएंगे कांग्रेस-आरजेडी साथ, सोनिया गांधी ने लालू यादव से की फोन पर बात

इससे पहले बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस से मुंह मोड़कर राजद भाजपा की मदद कर रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू यादव ने दास को बेवकूफ कह दिया था।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:41 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:35 AM (IST)
क्या फिर आएंगे कांग्रेस-आरजेडी साथ, सोनिया गांधी ने लालू यादव से की फोन पर बात
गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों में चल रही कलह

नई दिल्ली, एजेंसी। बिहार उपचुनाव में गठबंधन को लेकर चल रही कलह के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से फोन पर बात की है। बता दें कि मंगलवार को सोनिया गांधी ने पार्टी के महासचिव और राज्य प्रभारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति तैयार की गई। इसके बाद उन्होंने लालू यादव से फोन पर बात की। काफी दिनों से दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर तनाव की स्थिति चल रही है।

इससे पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन पर लालू यादव ने कहा था कि अगर वे राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहते हैं तो उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनाव में अपनी जमानत जब्त करवानी पड़ जाएगी। वहीं, इससे पहले बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस से मुंह मोड़कर राजद भाजपा की मदद कर रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू यादव ने दास को बेवकूफ कह दिया था। लालू के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया था और कांग्रेस ने इसकी काफी निंदा भी की थी।

राजद ने दो सीटों पर चुनाव लड़ने के अपने फैसले की घोषणा कर दी है, जिसके बाद कांग्रेस ने भी दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इस कारण राज्य में सहयोगी दलों के बीच दरार पैदा हो गई है। बता दें कि बिहार में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं। जिसके लिए कुशेश्वर अस्थान और तारापुर दोनों जगहों से आरजेडी ने अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।

चुनाव जीतने के लिए सोनिया गांधी ने पार्टी को दिए मूल मंत्र

मंगलवार को हुई बैठक में सोनिया गांधी ने आगामी विधानसभा चुनावों में जीत के लिए पार्टी को तीन मूलमंत्र दिए। इसमें सबसे प्रमुख था संगठन को मजबूत करना। इसके साथ उन्‍होंने यह भी उजागर कर दिया कि संगठन की ताकत जो पहले हुआ करती थी वो अब नहीं रही है। दूसरा उन्होंने सभी नेताओं को दोबारा से आम लोगों से जुड़ने का सख्‍त संदेश दिया। इसमें उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया कि यदि पार्टी को जिताना है तो अपने निजी स्‍वार्थ से ऊपर उठना होगा। उनका तीसरा मंत्र पार्टी के नए सदस्‍यों को शामिल करना था।

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