संसद में शिवसेना के सांसद ने उठाई बिरसा मुंडा को भारत रत्न देने की मांग

राजेंद्र गावित ने कहा कि बिरसा मुंडे ने कम उम्र में ही आदिवासियों के धार्मिक आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 09:08 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 09:11 PM (IST)
संसद में शिवसेना के सांसद ने उठाई बिरसा मुंडा को भारत रत्न देने की मांग
संसद में शिवसेना के सांसद ने उठाई बिरसा मुंडा को भारत रत्न देने की मांग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा चुनाव की राजनीतिक सरगर्मियों के बीच संसद में बिरसा मुंडा को भारत रत्न देने की मांग उठी। मजेदार बात यह है कि यह मांग झारखंड के किसी नेता ने नहीं, बल्कि महाराष्ट्र से शिवसेना के सांसद ने उठाई।

लोकसभा में शून्यकाल में बोलते हुए बोलते हुए पालघर से सांसद राजेंद्र गावित ने कहा कि बिरसा मुंडा जैसे भारत के वीर सपूत को मिलने से खुद भारत रत्न का सम्मान ही बढ़ेगा।

अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई का फूंका बिगुल

बिरसा मुंडा को भारत रत्न देने की मांग करते हुए राजेंद्र गावित ने बताया कि किस तरह उन्होंने कम उम्र में ही आदिवासियों के धार्मिक आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया था।

इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजों के शासन को मजबूत करने वाले जमींदारी प्रथा और जमींदारों के खिलाफ भी आवाज उठाई। मुंडा के आंदोलन के नतीजा था कि उस समय अंग्रेज उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझने लगे थे।

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बिरसा मुंडा के योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। ऐसा करने से खुद भारत रत्न का ही सम्मान बढ़ेगा।

सोशल मीडिया में भी उठ रही मांग

बिरसा मुंडा की 144वीं जयंती पर झारखंड समेत देशभर में उन्‍हें नमन कर श्रद्धांजलि दी गई। आदिवासियों के सुपर हीरो के नाम पर सोशल मीडिया में भी खूब संस्‍मरण शेयर किया गया। #धरतीआबा_बिरसा मुंडा हैशटैग के साथ लाइक्‍स, रीट्वीट और कमेंट का दौर खूब चला। भगवान #धरतीआबा_बिरसा मुंडा के बारे में कहा जाता है कि उन्‍होंने महज तीर-कमान से आदिवासियों पर जुल्‍म ढाने वाले अंग्रेजों के छक्‍के छुड़ा दिए थे। #धरतीआबा_बिरसा मुंडा की सिर्फ 25 साल की उम्र में रहस्‍यमय परिस्थितियों में जेल में मौत हो गई थी।

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