त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा को झटका, स्वायत्त क्षेत्र के चुनाव में हारी

टीटीएएडीसी के इस चुनाव में भाजपा-आइपीएफटी गठबंधन की हार हुई है। क्षेत्रीय दल आइपीएफटी के साथ मिलकर भाजपा ने यह चुनाव लड़ा था। 2018 में माकपा नेतृत्व वाले कम्युनिस्ट गठबंधन को हराकर सत्ता में आई भाजपा के लिए अब सोचने का समय आ गया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 07:14 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 07:14 AM (IST)
त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा को झटका, स्वायत्त क्षेत्र के चुनाव में हारी
नवगठित दल टीआइपीआरए मोहता ने 28 में से 18 सीटें जीतीं हैं।

अगरतला, आइएएनएस। त्रिपुरा की सत्ता पर काबिज भाजपा को झटका लगा है। आदिवासियों की नवगठित पार्टी टीआइपीआरए मोहता ने भाजपा को हराकर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिपुरा स्वायत्त क्षेत्र परिषद (टीटीएएडीसी) पर कब्जा कर लिया है। टीटीएएडीसी की 28 सीटों में से 18 सीटें टीआइपीआरए मोहता ने जीती हैं। भाजपा को नौ सीटें मिली हैं जबकि एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी ने जीती है।

टीटीएएडीसी के इस चुनाव में भाजपा-आइपीएफटी गठबंधन की हार हुई है। क्षेत्रीय दल आइपीएफटी के साथ मिलकर भाजपा ने यह चुनाव लड़ा था। 2018 में माकपा नेतृत्व वाले कम्युनिस्ट गठबंधन को हराकर सत्ता में आई भाजपा के लिए अब सोचने का समय आ गया है। भाजपा ने 25 वर्ष से चली आ रही कम्युनिस्ट सत्ता को खत्म किया था। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी टीटीएएडीसी के चुनाव परिणामों में 28 विजेताओं में दो महिलाएं हैं। इनमें एक टीआइपीआरए की है और एक भाजपा की। चुनाव छह अप्रैल को हुए थे। मतगणना का कार्य शनिवार को हुआ और शाम तक तक परिणाम घोषित कर दिए गए।

टीआइपीआरए मोहता का नेतृत्व त्रिपुरा के शाही परिवार के वंशज प्रद्योत विक्रम माणिक्य देव बर्मन कर रहे हैं। उन्होंने कुछ महीने पहले ही इस पार्टी का गठन किया है। पार्टी ने सभी 28 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे। बर्मन पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। लेकिन 2019 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। भाजपा-आइपीएफटी गठबंधन ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे। भाजपा ने पहली बार टीटीएएडीसी में नौ सीटों पर जीत हासिल की है।

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