भारत के हित में है सउदी अरब-इजरायल समझौता, इस्लामिक देशों में कश्मीर पर समर्थन जुटाना आसान

सउदी अरब-इजरायल समझौते से इस्लामिक देशों में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की कूटनीतिक चाल को मात देने में भी मदद मिलेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 08:57 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 12:10 AM (IST)
भारत के हित में है सउदी अरब-इजरायल समझौता, इस्लामिक देशों में कश्मीर पर समर्थन जुटाना आसान
भारत के हित में है सउदी अरब-इजरायल समझौता, इस्लामिक देशों में कश्मीर पर समर्थन जुटाना आसान

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत ने पिछले कुछ वर्षो में सउदी अरब और इजरायल के साथ रणनीतिक रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की जो कोशिशें की थी उसकी प्रासंगिकता गुरुवार को इन दोनों देशों के बीच हुई ऐतिहासिक समझौते से साबित हो गई है। इनके साथ रणनीतिक संबंधों की वजह से भारत यह मान रहा है कि यह समझौता उसके दीर्घकालिक हितों के अनुकूल है।

इस्लामिक देशों में कश्मीर के मुद्दे पर समर्थन जुटाने में होगी आसानी

सउदी अरब-इजरायल समझौता से इस्लामिक देशों में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की कूटनीतिक चाल को मात देने में भी मदद मिलेगी और खाड़ी क्षेत्र में कारोबारी, ऊर्जा व सैन्य हितों को आगे बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।

इरान से रिश्तों को पटरी पर लाना अब और होगा मुश्किल

हालांकि ईरान के साथ पहले से ही तनावपूर्ण हो चुके भारत के रिश्तों पर इसका और उल्टा असर होने के भी आसार हैं।

सउदी अरब के विदेश मंत्री ने जयशंकर को फोन कर दी जानकारी

शुक्रवार को सउदी अरब के विदेश मंत्री अबदुल्लाह बिन जायेद अल नाहयान ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को टेलीफोन कर इजरायल के साथ समझौते की जानकारी दी और इसके विभिन्न आयामों के बारे में बात की। भारत उन गिने चुने देशों में शामिल है जिसे सऊदी अरब सरकार ने जानकारी देना उचित समझा है।

भारत के पारंपरिक रणनीतिक साझेदार हैं सऊदी अरब और इजरायल

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि, 'भारत पश्चिम एशिया में शांति व सौहार्द स्थापित करने की हर कोशिश का समर्थन करता है। हम सऊदी अरब और इजरायल के बीच रिश्तों को पूरी तरह से सामान्य बनाने के समझौते का समर्थन करते हैं। दोनो भारत के पारंपरिक रणनीतिक साझेदार हैं।'

सउदी अरब ने पिछले वर्ष भारत समेत आठ देशों को अपना रणनीतिक साझेदार घोषित किया था

सउदी अरब ने पिछले वर्ष भारत समेत आठ देशों को अपना रणनीतिक साझेदार घोषित किया था। नवंबर, 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा के दौरान एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। भारत विश्व का पांचवा देश है जिसके साथ सऊदी अरब ने रणनीतिक समझौता किया था। सऊदी अरब में ना सिर्फ 40 लाख भारतीय काम करते हैं बल्कि वह भारत को सबसे ज्यादा क्रूड उपलब्ध कराने वाला भी देश है।

इजरायल भारत को सबसे ज्यादा हथियार आपूर्ति करने वाला देश बन कर उभरा

दूसरी तरफ इजरायल हाल के वर्षो में भारत को सबसे ज्यादा हथियार आपूर्ति करने वाला देश बन कर उभरा है। पीएम नरेंद्र मोदी और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतान्हू की लीडरशिप द्विपक्षीय रिश्ते नए मुकाम की तरफ बढ़ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों से लेकर चीन व पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर भी इजरायल भारत का खुल कर समर्थन करने वाला देश है। अभी भी दोनो देशों के बीच हथियारों की खरीद को लेकर कई समझौते होने पर बातचीत चल रही है।

सऊदी अरब और इजरायल में समझौता: फिलिस्तीन मुद्दे का समाधान निकालना ज्यादा आसान

इस समझौते से दुनिया भर में फिलिस्तीन राज्य के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह फिलिस्तीन राज्य से जुड़े मुद्दों का समर्थन करता रहेगा। सऊदी अरब और इजरायल के बीच सीधा कूटनीतिक संबंध हो जाने के बाद फिलिस्तीन मुद्दे का समाधान निकालना ज्यादा आसान है।

खाड़ी क्षेत्र के अधिकांश देश इजरायल के साथ कोई कूटनीतिक रिश्ता नहीं रखते हैं

सनद रहे कि गुरुवार को सऊदी अरब और इजरायल ने अपने रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। खाड़ी क्षेत्र के अधिकांश देश इजरायल को मान्यता तक नहीं देते और उसके साथ कोई कूटनीतिक रिश्ता नहीं रखते हैं। खाड़ी क्षेत्र के हालात सीधे तौर पर भारत के आर्थिक, ऊर्जा व रणनीतिक हितों को प्रभावित करते हैं।

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