जी-23 के सदस्य संदीप दीक्षित बोले- हमारी बातों को माने या खारिज करे कांग्रेस आलाकमान

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 23 नेताओं के समूह (जी-23) पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि मीडिया के माध्यम से उनसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है और वह खुलेपन की सराहना करती हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 02:17 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 02:17 PM (IST)
जी-23 के सदस्य संदीप दीक्षित बोले- हमारी बातों को माने या खारिज करे कांग्रेस आलाकमान
कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शनिवार को हुई थी।

नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने शनिवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को लेकर सवाल उठाया है। रविवार को उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कि जी -23 एक अलग गुट नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान को या तो समूह की मांगों पर विचार करना चाहिए या उन्हें अस्वीकार कर देना चाहिए।

एएनआइ से बात करते हुए जी-23 के सदस्य दीक्षित ने कहा, जी-23 एक अलग समूह नहीं है। बल्कि, जी-23 के सदस्यों की पार्टी में सुधार लाने के लिए कुछ मांगें हैं। मांग अभी भी कायम है। जहां तक ​​​​पूर्णकालिक अध्यक्ष का संबंध है, सोनिया गांधी ने कहा कि वह पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं इसलिए हमें अब पता चला है कि पार्टी का एक पूर्णकालिक अध्यक्ष है।

उन्होंने कहा कि हमारी कुछ मांगें हैं। पार्टी आलाकमान को या तो उन मांगों पर विचार करना चाहिए या उन्हें खारिज कर देना चाहिए। आज भी जी-23 ने अपना मांग पत्र वापस नहीं लिया है और न ही कोई पार्टी के खिलाफ है। बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शनिवार को हुई थी। इसमें सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और पंजाब के चरणजीत चन्नी शामिल हुए थे।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 23 नेताओं के समूह (जी-23) पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि मीडिया के माध्यम से उनसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है और वह खुलेपन की सराहना करती हैं। उन्होंने नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) कार्यालय में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा, 'मैंने हमेशा स्पष्टता की सराहना की है। मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है। तो आइए हम सभी एक स्वतंत्र और ईमानदार चर्चा करें। लेकिन इस कमरे की चारदीवारी के बाहर जो संदेश दिया जाना चाहिए, वह कांग्रेस कार्यसमिति का सामूहिक निर्णय होगा।

कांग्रेस के 23 सदस्यों (जी -23) के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी में कई संगठनात्मक सुधारों की मांग की थी। बैठक से पहले, जी-23 नेताओं ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों, केंद्रीय चुनाव समिति (सीइसी) के सदस्यों और संसदीय बोर्ड चुनावों के लिए चुनाव की मांग की थी।

इससे पहले, जी-23 समूह के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि पार्टी के नेता इस बात से अनजान हैं कि पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है क्योंकि कोई अध्यक्ष नहीं है। सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी द्वारा अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनावों में चुनावी हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए AICC के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

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