सचिन पायलट अब गहलोत को और मोहलत देने को तैयार नहीं, जानिए क्या है राजस्थान का मौजूदा राजनीतिक समीकरण
बताया जाता है कि पायलट ने कांग्रेस नेतृत्व से यह साफ कहा है कि अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस संगठन और सरकार दोनों में उनके समर्थकों को जान बूझकर जगह देने में देरी ही नहीं कर रहे बल्कि उनकी राजनीति को कमजोर करने का भी दांव चल रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने के सिलसिले के बीच राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक सत्ता-संगठन में अपनी भागीदारी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब ज्यादा मोहलत देने को तैयार नहीं है। बताया जाता है कि पायलट ने कांग्रेस नेतृत्व से यह साफ कहा है कि अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस संगठन और सरकार दोनों में उनके समर्थकों को जान बूझकर जगह देने में देरी ही नहीं कर रहे बल्कि उनकी राजनीति को कमजोर करने का भी दांव चल रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के दांव को न थामा गया और 10 महीने पहले किए गए वादे पूरे नहीं किए गए तो विधायकों का धैर्य जवाब देने लगेगा। पायलट के इस बढ़े दबाव के बाद कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में दोबारा पनप रहे असंतोष को थामने के लिए बातचीत की कसरत तेज कर दी है।
राजस्थान से लेकर पंजाब और केरल से लेकर गुजरात तक चौतरफा चुनौतियों के चक्रव्यूह में घिरे कांग्रेस हाईकमान के लिए पायलट और उनके समर्थकों की नाराजगी दूर करना प्राथमिकता बन गई है। खासतौर पर पार्टी के प्रमुख युवा चेहरा रहे जितिन प्रसाद ने अचानक जिस तरह कांग्रेस छोड़ी है उसके बाद आलाकमान पर राजस्थान की उठापटक का तत्काल समाधान निकालने का दबाव बढ़ गया है।
सूत्रों के अनुसार हाईकमान जहां एक ओर पायलट से संवाद कर धैर्य रखने और उनसे किए गए वादे को पूरा करने का भरोसा दे रहा है। वहीं अशोक गहलोत को भी राजनीतिक हकीकत को स्वीकार करते हुए पायलट और उनके समर्थकों को सत्ता-संगठन में पर्याप्त जगह देने के लिए राजी करने का प्रयास कर रहा है।
दोनों छत्रपों के संपर्क में पार्टी के वरिष्ठ नेता
बताया जाता है कि पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राज्य के प्रभारी महासचिव अजय माकन राजस्थान के दोनों पार्टी छत्रपों से समाधान का रास्ता निकालने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं। इतना ही नहीं पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी पायलट से बातचीत कर यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि दोबारा विद्रोह जैसी नौबत न आने पाए।
पायलट के संपर्क में प्रियंका
बताया यह भी जाता है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद सचिन पायलट से सीधे संवाद कर रही हैं और इसीलिए हाईकमान को भरोसा है कि राजस्थान की उठापटक का हल जल्द निकल जाएगा।
सभी को वाजिब हक देने की कवायद
कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से अशोक गहलोत और पायलट दोनों से संवाद कर रहे पार्टी के सूत्रों ने कहा कि कोरोना महामारी की परिस्थितियों की वजह से जरूर कुछ देरी हुई है मगर सभी खेमों को उनका वाजिब हक अब यथाशीघ्र मिलेगा। इतना ही नहीं उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस नेतृत्व सचिन पायलट को भी उनके राजनीतिक कद के अनुरूप उचित भूमिका देने को लेकर भी गंभीर है और राजस्थान में मध्य प्रदेश की चूक नहीं दोहराई जाए इसको लेकर भी बेहद सतर्क है।