लद्दाख में गतिरोध दूर करने के लिए रूस ने की भारत-चीन के बीच रचनात्मक संबंधों की वकालत

रूस ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन के बीच रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय स्थायित्व के लिए अहम हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 12:34 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 12:34 AM (IST)
लद्दाख में गतिरोध दूर करने के लिए रूस ने की भारत-चीन के बीच रचनात्मक संबंधों की वकालत
लद्दाख में गतिरोध दूर करने के लिए रूस ने की भारत-चीन के बीच रचनात्मक संबंधों की वकालत

नई दिल्ली, प्रेट्र। रूस ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन के बीच रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय स्थायित्व के लिए अहम हैं। उसने उम्मीद जताई कि दोनों देश पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध (स्टैंडऑफ) का द्विपक्षीय वार्ता के जरिये समाधान कर लेंगे। भारत में रूसी दूतावास के उपप्रमुख रोमन बबुश्किन ने कहा, 'दो महान सभ्यताओं के बीच शांतिपूर्ण पड़ोस की खातिर हमें सकारात्मक घटनाक्रम की उम्मीद है। स्थायित्व और सतत विकास पर क्षेत्रीय वार्ता को बढ़ावा देने के लिए हमारे भारतीय और चीनी दोस्तों के बीच रचनात्मक संबंध बेहद अहम हैं।'

दोनों देशों के बीच विवाद का समाधान वार्ता के जरिये होने का विश्वास जताते हुए बबुश्किन ने कहा कि आगामी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), पांच देशों के ब्रिक्स और रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय फोरम की बैठकों में भारत और चीन दोनों के साथ रूस अपनी वार्ता को आगे बढ़ाने का इच्छुक है।

2021 के आखिर तक भारत को होगी एस-400 की आपूर्ति

कोरोना वायरस महामारी की वजह से एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति में विलंब के बारे में पूछे जाने पर बबुश्किन ने कहा कि स्वाभाविक तौर पर इसमें कुछ देरी होगी। हालांकि दोनों पक्ष वर्तमान सभी समझौतों के समय पर अमल के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि फरवरी में रूसी फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्नीकल कोऑपरेशन के उपनिदेशक व्लादिमीर ड्रोझोव ने कहा था कि रूस 2021 के आखिर तक भारत को एस-400 की आपूर्ति शुरू कर देगा। भारत ने अक्टूबर, 2018 में अमेरिकी विरोध के बावजूद रूस से पांच एस-400 प्रणालियों की खरीद का समझौता किया था।

जी-7 लगता है आउट ऑफ डेट 

जी-7 के विस्तार संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर बबुश्किन ने कहा, 'राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर हालिया बातचीत में भी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस प्रस्ताव पर बातचीत की थी। इस पहल पर संज्ञान लेते हुए सामान्यत: हमारी राय है कि जब वैश्विक चुनौतियों और वैश्विक प्रशासन की बात आती है तो जी-7 आउट ऑफ डेट लगता है। लिहाजा जी-20 जैसा ज्यादा प्रतिनिधियों वाला तंत्र जरूरी है।'

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