संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले, तंत्र से होता है धर्म और राष्ट्र का संबंध

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में शासन संस्कृति धर्म व परिवार को लेकर अहम बातें कहीं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 02 Jan 2020 11:54 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jan 2020 07:27 AM (IST)
संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले, तंत्र से होता है धर्म और राष्ट्र का संबंध
संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले, तंत्र से होता है धर्म और राष्ट्र का संबंध

 इंदौर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में शासन, संस्कृति, धर्म व परिवार को लेकर अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में अपनेपन का भाव है। कठोरता नहीं है। परिवार भी इसी तरह चलता है। परिवार चलाने की एक व्यवस्था होती है। देश भी एक व्यवस्था से चलता है। धर्म और राष्ट्र का संबंध तंत्र से होता है।

अध्यात्म के लिए कोई उम्र नहीं 

हमारे सहयोगी अखबार नई दुनिया के अनुसार, इंदौर स्थित श्रीनाथ मंदिर संस्थान के भक्त निवास के लोकार्पण समारोह में भागवत ने कहा कि हमारे लिए घर सिर्फ मकान नहीं है। घर में देवालय रहता है। आंगन में तुलसी होती है। बहन-बेटियों से रिश्ते निभाए जाते हैं। विदेश में ऐसा नहीं होता। वहां तो मेहमानों को पूर्व में आने की सूचना देनी पड़ती है। उसके हिसाब से भोजन तैयार होता है। हमारे देश में अतिथि कभी भी और कितने भी आएं, भूखे नहीं जाते। उन्होंने कहा कि अध्यात्म के लिए कोई उम्र नहीं होती, लेकिन कई लोग मानते हैं कि बुढ़ापे में अध्यात्म करेंगे। कोई दूसरा भागवत गीता पढ़े और बुढ़ापे में उसे सुना जाए। ऐसा नहीं होना चाहिए।

समारोह में जितेंद्रनाथ महाराज और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी अपनी बात रखी। भागवत ने मंदिर परिसर में बनाए गए 11 कमरों के भक्त निवास का लोकार्पण भी किया। समारोह में विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष वीएस कोकजे भी मौजूद थे।

स्वयंसेवकों से मिले भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार सुबह इंदौर पहुंचे और संघ की बैठकों में शामिल हुए। उन्होंने राज्य के वरिष्ठ स्वयंसेवकों से चर्चा की और संघ से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी ली। भागवत शहर के कुछ गणमान्य नागरिकों से भी मिले।

संघ की रणनीति पर चर्चा

आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी मंडल की तीन दिवसीय बैठक इंदौर में हुर्इ। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा 300 से ज्यादा पदाधिकारी शामिल हुए। इसमें बीते वर्ष की गतिविधियों की समीक्षा के अलावा नए साल में संघ की रणनीति पर चर्चा हुई। 

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