हंगामे के कारण बाधित हुआ था राज्यसभा टीवी का ऑडियो फीड, सीपीडब्ल्यूडी ने लिखित जानकारी में कही ये बात
सीपीडब्ल्यूडी ने एक आरटीआइ अर्जी के जवाब में राज्यसभा सचिवालय को लिखे पत्र में कहा कि जब इन माइक्रोफोन को तोड़ा गया तो आरएसटीवी के सिस्टम से कोई ऑडियो नहीं था। आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद इसे बहाल करने में लगभग आधा घंटा लगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने कहा है कि 20 सितंबर को कृषि विधेयकों के पारित किये जाने के दौरान कुछ सांसदों द्वारा सभापति की सीट के सामने लगे माइक्रोफोन को नुकसान पहुंचाने के कारण राज्यसभा टीवी का ऑडियो फीड बाधित हुआ था। विपक्ष का आरोप था कि संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही का प्रसारण करने वाले राज्यसभा टीवी ने जान बूझकर उनकी आवाज को बंद कर दिया था। इन आरोपों के बीच सीपीडब्ल्यू ने राज्यसभा सचिवालय को लिखे पत्र में यह बात कही है। उसने इसे ट्विटर पर भी पोस्ट किया है।
सीपीडब्ल्यूडी ने अपने पत्र में कहा है कि राज्यसभा द्वारा दो कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान 20 सितंबर को अपराह्न एक बजकर पांच मिनट से एक बजकर 35 मिनट के बीच राज्यसभा की कार्यवाही के ऑडियो फीड में अचानक आया व्यवधान सांसदों द्वारा सभापति के माइक्रोफोन को नुकसान पहुंचाने के कारण था। सीपीडब्ल्यूडी ने एक आरटीआइ अर्जी के जवाब में राज्यसभा सचिवालय को लिखे पत्र में कहा कि जब इन माइक्रोफोन को तोड़ा गया तो आरएसटीवी के सिस्टम से कोई ऑडियो नहीं था। आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद इसे बहाल करने में लगभग आधा घंटा लगा।
20 सितंबर को राज्यसभा में हुआ था भारी हंगामा
गौरतलब है कि राज्यसभा ने भारी हंगामे के बीच कृषि विधेयकों को 20 सितंबर को पारित कर दिया था। उस समय उपसभापति हरिवंश आसन पर थे। नियम की पुस्तिका को फाड़कर फेंकने और सभापति की सीट के सामने लगे माइक्रोफोन को नुकसान पहुंचाने के लिए सदन से आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।
हंगामे के बाद कई दिनों तक राज्यसभा की कार्यवाही ठप रही थी। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह समेत कई अन्य बड़े नेता संसद परिसर में ही महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन पास कर रहे थे। इन सभी नेताओं का विरोध प्रदर्शन संसद में पास किए गए कृषि कानून के विरोध को लेकर था।